सार
वायरल न्यूज, diwali firecrackers । दिवाली का त्यौहार हिंदुओं का सबसे बड़ा पर्व है। ये वही अमावस्या की ही रात थी जिस दिन भगवान राम रावण का वध करके अयोध्या वापस लौटे थे। काली अंधियारी रात में प्रभु के अपने घर वापिसी के लिए अयोध्यावासियों ने दीप जलाए थे। इसलिए दीपावली को रोशनी का त्यौहार भी कहा जाता है। सदियों से इस पर्व को मनाया जा रहा है, इसमें आमूल चूल परिवर्तन भी आए हैं। आतिशबाजी का आविष्कार होने के बाद दीप पर्व के दिन पटाखे और फुलझड़िया भी जलाने लगे। त्यौहारों पर कार्पोरेट हावी होता गया, इसके बाद तो हर चीज एक बिजनेस बनकर रह गई। इसी वजह से अब विवाद भी खड़े होने लगे हैं।
पटाखों छोड़ने वालों पर फेंक दिया भरा गैस सिलेंडर
पटाखों से शोर ही नहीं भयंकर प्रदूषण भी फैलता है, सुप्रीम कोर्ट इस पर कई बार रोक लगा चुकी है। केंद्र और राज्य सरकारों को फटकार भी लगा चुकी है। बावजूद इसके गली मोहल्लों में बम, पटाखों की दुकानें सजती हैं। 10 गुना दामों पर लोग आतिशबाजी का सामान खरीदते हैं। अब सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। जिसमें पड़ोसियों ने "तेज आवाज वाले बहुत अधिक पटाखे" फोड़ने से रोकने के बाद कुछ लड़के नहीं माने। इसके बाद ये फैमिली इतना नाराज हो गया कि उसने पहली मंजिल गैस से भरा सिलेंडर नीचे फेंक दिया। इसके बाद तो अफरातफरी मच गई।
आतिशबाजी से होता वायु और ध्वनि प्रदूषण
गैस सिलेंडर के नीचे गिरते ही यहां मौजूद लोग तितर बितर हो गए । कई लोगों ने जानकारी लेना चाहा कि आखिर किसने गैस सिलेंडर फेंका है, हालांकि इसके बाद कोई सामने नहीं आया । ये एक तीन मंजिला इमारत थी, लेकिन सिलेंडर किस फ्लोर से फेंका गया, ये वीडियो चलते तक तो पता नहीं चल सका। वीडियो पर नेटाजन्स ने जमकर कॉमेन्ट किए हैं। ज्यादातर लोगों ने बताया कि दिवाली पर अक्सर इस तरह के विवाद सामने आते हैं। कुछ लोगों को पठाखों का साउंड बिल्कुल बरदास्त नहीं होता है। वहीं कुछ लोग आतिशबाजी को अधिकार समझ लेते हैं, इसके बाद ऐसे हालात बनते हैं।
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