एक भारतीय कर्मचारी ने अमेरिकी कंपनी में लीव के दौरान रात 10 बजे की मीटिंग बुलाए जाने का जमकर विरोध किया। वो  फाउंडर ने मीटिंग अटेंड करने का प्रेशर डाला तो  युवक ने रिजाइन कर दिया। अब ये मुद्दा सोशल मीडिया पर सुर्खियां बटोर रहा है।  

Employee Resigns After US Company Meeting During Leave : अमेरिका की कंपनी द्वारा छुट्टी के दौरान रात 10 बजे की मीटिंग बुलाने के बाद एक भारतीय युवा ने नौकरी से रिजाइन कर दिया। वहीं लीव के दौरान देर रात मीटिंग बुलाने संबंधी इस भारतीय कर्मचारी का पोस्ट रेडिट पर वायरल हो रहा है। एक भारतीय कर्मचारी ने एक पोस्ट शेयर की है, जिसमें एक अमेरिकी बेस्ड कंपनी के साथ काम करने की मुस्किल हालातों का डिटेल दिया गया है, जिससे ग्लोबल टीमों में unrealistic expectations और वर्क स्टाइल के बैलेंस के बारे में चर्चा शुरू हो गई है। पोस्ट के कैप्शन में लिखा था, “यह एक ऐसी बात थी जिसने मुझे इस्तीफ़ा देने पर मजबूर किया।”

कर्मचारी की बात को फाउंडर ने नहीं दी तवज्जो

पोस्ट में, कर्मचारी ने बताया कि मुंबई और अमेरिका के बीच टाइम डिफरेंस है। मुझे अक्सर रात 10 बजे तक बैठकों में शामिल होने के लिए कहा जाता था। कर्मचारी ने कहा कि इससे भी बदतर बात यह थी कि लीव सेक्शन के दौरान भी कंपनी की यही अपेक्षाएं करती थी। 

कर्मचारी ने बताई अपनी परेशानी, नहीं माना कंपनी का मालिक

कंपनी के फाउंडर के साथ हुई बातचीत के मुताबिक, कर्मचारी ने साफ किया कि वे भारी बारिश में रायगढ़ और नवी मुंबई के बीच यात्रा कर रहे थे और उन्होंने पहले ही एक मीटिंग में शामिल होने में असमर्थता जता दी थी। कर्मचारी ने संस्थापक से कहा, "मैंने आपको पहले ही बता दिया था कि मेरे पास नेटवर्क नहीं है। मैं रायगढ़ जा रहा था और बारिश हो रही थी।" इसके बावजूद, उन्होंने ने जवाब दिया: "ऐसी हालात में, आपको मुझे पहले ही बता देना चाहिए कि आप मीटिंग में शामिल नहीं हो पाएंगे।"

कर्मचारी ने लीव की दी दलील तो मिला टका सा जवाब

कर्मचारी ने जवाब दिया कि वे लीव पर थे और उन्हें लगा कि बैठकों में शामिल होना ज़रूरी नहीं होगा। इस पर फाउंडर ने कहा, “ऐसा कभी नहीं होता। मैं बहुत निराश हूं।” रेडिट यूजर्स ने कहा कि इस तरह के रिप्लाई का यह पैटर्न कोई अकेली घटना नहीं है। उन्होंने दावा किया कि ऐसी अपेक्षाएं हमेशा रहती हैं, वो फिऱ वर्किंग डे हो या लीव डे, ये लोग तो सनडे कोभी नहीं छोड़ते ।