सार

त्यागराज स्टेडियम भारत का पहला ग्रीन स्टेडियम है। स्टेडियम के बाहर 400 मीटर लंबा 8 लेन का सिंथेटिक ट्रैक है। इस मैदान में कई तरह के स्पोर्ट्स खेले जा सकते हैं।  लॉन्ग जंप, हाईजंप सहित एथलेटिक खेलों के लिए भी ग्राउंड हैं। 

ट्रेडिंग  डेस्क. दिल्ली के त्यागराज स्टेडियम (Thyagraj Stadium) में कुत्ते को घुमाना IAS दंपत्ति को भारी पड़ गया है। गृह मंत्रालय ने गुरुवार देर रात IAS संजीव खिरवार और उनकी पत्नी IAS रिंकू डुग्गा (IAS couple Sanjeev Khirwar and Rinku Dugga) का ट्रांसफर कर दिया। संजीव खिरवार को लद्दाख और उनकी पत्नी रिंकू डुग्गा को अरुणाचल प्रदेश भेजा गया है। अब दोनों शहरों के बीच की दूरी करीब 3,100 किमी से ज्यादा है। दोनो अधिकारियों का ट्रांसफर तब किया गया अब IAS दंपत्ति पर आरोप लगाए गए थे।  लेकिन क्या आप जानते हैं संजीव खिरवार कौन हैं। आइए जानते हैं इस IAS दंपत्ति के बारे में। 

कौन हैं संजीव खिरवार
संजीव खिरवार 1994 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। मौजूदा समय में उनकी पोस्टिंग दिल्ली के रिवेन्यू कमिश्नर के पोस्ट पर थी। दिल्ली के सारे डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट उनके अंदर काम करते थे। इसके साथ ही उनके पास दिल्ली के पर्यावरण डिपार्टमेंट के सिक्रेटरी भी थे। वहीं, उनके एजुकेशन की बात की जाए तो उन्होंने बीटेक किया है इसके अलावा उनके पास मास्टर्स की डिग्री भी है। उनकी पहली पोस्टिंग चंडीगढ़ में बतौर एसडीएम हुई थी। वो दिल्ली, गोवा, अंडमान निकोबार और भारत सरकार के अहम विभागों में काम कर चुके हैं।

क्या है विवाद
ये मामला तब सामने आया जब त्यागराज स्टेडियम के एक कोच ने कहा कि उन्हें 7 बजे ग्राउंड खाली करने को कहा गया। जिससे IAS अफसर संजीव खिरवार स्टेडियम में अपने कुत्ते को टहला सकें। इसके साथ ही कोच ने कहा कि पहले वह 8 से 8.30 बजे तक ट्रेनिंग करवाते थे लेकिन अब उन्हें दिक्कत हो रही है। 

कब बनकर तैयार हुआ त्यागराज स्टेडियम
त्यागराज स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स 2009 में बनकर तैयार हुआ था। त्यागराज स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स बनाने की शुरुआत 2007 में हुई थी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इसे बनाने में करीब 300 करोड़ रुपए खर्च हुए थे और इस स्टेडियम को खिलाड़ियों के लिए 2010 में खोला गया था। बता दें कि इस कॉम्पलेक्स को 2009 में कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए बनाया गया था। ये मैदान 16.5 एकड़ में फैला है।

इसे भी पढ़ें- Tricky Questions: दुनिया का ऐसा कौन सा सागर है जिसमें कोई डूब नहीं सकता है? जानें इस सवाल का जवाब

कौन हैं गीतांजली श्री जिन्होंने रचा है इतिहास, पहली बार किसी हिन्दी राइटर को मिला अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार