सार
14 लाख के सालाना पैकेज वाली नौकरी छोड़कर देव कनाडा पढ़ने गए। लेकिन, वहाँ उन्होंने सबसे पहला काम वेटर का किया।
हर साल हजारों भारतीय पढ़ाई और नौकरी के लिए अलग-अलग देशों में जाते हैं। कई लोग सोचते हैं कि विदेश जाने के बाद जिंदगी 'रंगीन' हो जाएगी। लेकिन, हकीकत ऐसी नहीं है और आने वाली मुश्किलें भी कम नहीं हैं, ऐसा बता रहे हैं कनाडा में रहने वाले एक भारतीय उद्यमी।
देव मित्र नाम के इस भारतीय उद्यमी ने एक पॉडकास्ट में बताया कि एक विदेशी छात्र के तौर पर उन्होंने कैसे संघर्ष किया। मित्र कनाडा में एक बिजनेस मैनेजमेंट कंसल्टेंसी के संस्थापक और मैनेजिंग पार्टनर हैं। एक पॉडकास्ट में उन्होंने पिछले छह सालों से कनाडा में अपनी जिंदगी के बारे में बात की।
देव बताते हैं कि उन्होंने 14 लाख रुपये सालाना की कॉर्पोरेट नौकरी छोड़कर कनाडा में पढ़ाई के लिए आए थे। उन्होंने यह भी बताया कि वहाँ आकर गुजारा करने के लिए उन्होंने सबसे पहले वेटर का काम किया। उन्होंने इस पॉडकास्ट के कुछ हिस्से सोशल मीडिया पर शेयर किए, जिसके साथ उन्होंने लिखा, "विदेश में पढ़ने आने वाले भारतीय छात्रों की दुखद हकीकत।"
यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया और विदेशों में रहने वाले भारतीय छात्रों समेत कई लोगों ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी। इस वीडियो को 9700 से ज्यादा लाइक्स और 196000 से ज्यादा व्यूज मिले। कई छात्रों ने उनकी बातों से सहमति जताई। कई लोगों ने विदेशों में होने वाले नस्लीय भेदभाव और अकेलेपन के बारे में भी बताया। कई लोगों ने रेस्टोरेंट में सफाई कर्मचारी, टॉयलेट साफ करने जैसे कई काम करके अपनी जिंदगी बनाने के बारे में बताया।