जम्मू-कश्मीर में कुछ परिवार आतंकियों का समर्थन करते हैं, हथियार उठाने को सुरक्षा मानते हैं। सेना युवाओं को वापसी के लिए प्रेरित करती है, लेकिन पारिवारिक सहारा चुनौती है
Jammu Kashmir Terror Support Family: दिल्ली के लाल किला के नजदीक 10 नवंबर को काल ब्लास्ट के बाद पूरे देश में सनसनी फैल गई है। यह धमाका रेड फोर्ट मेट्रो स्टेशन के बाहर हुआ। इस धमाके में नौ लोगों की मौत हो गई, वहीं 24 के करीब लोग घायल हो गए। शुरुआती जांच के मुताबिक इस धमाके में अमोनियम nitrate के अलावा उच्च गुणवत्ता वाला मिलिट्री एक्सप्लोसिव्स भी इस्तेमाल किया गया था।
लाल किला के पास कार ब्लास्ट कर तंकी हमला
यह धमाका सड़क पर कार खड़ी करने के बाद किया गया था। विस्फोट के कई वीडियो वारल हो रहे हैं। इसमें देखा जा सकता है कि कार में धमाका होता है, इसके बाद आसपास के वाहनों में भी आग लग जाती है। भारी ट्रैफिक के बीच हुई इस घटना में बड़ी संख्या में लोग घायल हो गए। अब इस मामले की जांच एजेंसी एनआईए, एसआईबी, और फॉरेंसिक विभाग की टीमें कर रही हैं।
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हमले में शामिल आतंकियों को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा से गिरफ्तार किया गया है। अब बड़ा सवाल उठता है कि दिल्ली में हमला करने के बाद आरोपी तत्काल जम्मू-कश्मीर कैस पहुंच गए। दरअसल आतंकवाद का पूरा माड्यूल यहीं तैयार किया जाता है। यहां कई संगठन हमेशा भारत में दहशतगर्दों को सपोर्ट करने के लिए तैयार रहते हैं। यही लोग युवाओं को बड़-बड़े सब्जबाद दिखाकर उन्हें हमले के लिए तैयार करते हैं।
परिजन कर रहे आतंकी गतिविधि का सपोर्ट
युवाओं को आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के जिम्मेदार इनके परिजन भी होते हैं, जो उन्हें पूरा समर्थन करते हैं।.रैडिट पर एक पुराना वीडियो वायरल हो रहा है, इसमें एक सैनिक जब स्थानीय पेरेंट्स से कहते हैं कि वे अपने बच्चों को समझाकर आतंकी गतिविधियां छोड़कर घर लौटने के लिए कहे तो, तो कई बार ये उनकी मां और पिता बच्चों का समर्थन करते हैं। वे कहते हैं कि यदि सेना के पास हथियार है तो उनके बच्चे क्यों नहीं हथियार उठा सकते हैं। आतंकवाद के प्रति इसी नेगेटिव सोच के चलते घाटी से आतंकवाद खत्म नहीं हो पा रहा है।
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