सार
यह आवश्यक नहीं है कि हर नई खोज या परिवर्तन(innovation) के लिए बहुत सार पैसा होना चाहिए। अगर आपके पास आइडिया हैं, तो जुगाड़ की चीजों से कुछ ईजाद कर सकते हैं। हरियाणा के रेवाड़ी के रहने वाले इस युवक ने एक ऐसा ई-रिक्शा बनाया है, जिसे बैटरी के अलावा पैडल से भी चलाया जा सकता है।
डेस्क न्यूज. अगर आपके पास आइडिया हैं, तो कुछ भी संभव है। यह आवश्यक नहीं है कि हर नई खोज या परिवर्तन(innovation) के लिए बहुत सार पैसा होना चाहिए। अगर आपके पास आइडिया हैं, तो जुगाड़ की चीजों से कुछ ईजाद कर सकते हैं। हरियाणा के रेवाड़ी के रहने वाले इस युवक ने एक ऐसा ई-रिक्शा बनाया है, जिसे बैटरी के अलावा पैडल से भी चलाया जा सकता है। बता दें कि एक निजी कंपनी में मैकेनिकल इंजीनियर रहे विकास यादव के लिए कोरोना काल बाकी नौकरीपेशा लोगों की तरह ही कष्टकर रहा। देश में लॉकडाउन के चलते उनकी नौकरी जाती रही। अब संकट यह था कि क्या किया जाए? कोई दूसरी जॉब मिलना आसान नहीं था। फिर खाली-पीली घर में बैठे-बैठे उन्हें एक आइडिया और एक गजब के ई-रिक्शा का ईजाद किया। उनका यह ई-रिक्शा ईको फ्रेंडली तो है ही, पैसों की भी बचत करता है।
पैडल से चलाने पर बैटरी चार्ज होगी
विकास यादव का यह ई-रिक्शा दो तरह से काम करता है। पहला-इसे बैटरी से चलाया जा सकता है। दूसरा-बैटरी डिस्चार्ज होने पर यह पैडल से भी चलेगा। विकास बताते हैं कि इसकी डिजाइन कुछ ऐसी बनाने की कोशिश की गई है कि कुछ और नए प्रयोग के बाद ई-रिक्शा की पैडल मारने से बैटरी चार्ज हो जाएगी। यानी ई-रिक्शा कहीं भी खड़ा नहीं होगा। साथ ही बैटरी को सोलर एनर्जी से भी चार्ज किया जा सकेगा। हालांकि अभी इस दिशा में काम चल रहा है। लेकिन उम्मीद है कि जल्द यह भी संभव होगा। विकास यादव रेवाड़ी शहर से कुछ दूर स्थित बालावास अहीर गांव में रहते हैं। विकास यादव कहते हैं कि उनकी कोशिश है कि लोग पर्यावरण संरक्षण के लिए जागरूक हों। हालांकि कोरोना काल में लोगों में काफी कुछ बदलाव देखने को मिला है।
विकास के ई-रिक्शा की खूबी
विकास ने ई-रिक्शा जुगाड़ के सामान से बनाया है। इसमें बाइक के टायर और हैड लैंप का इस्तेमाल किया गया है। पैडल चेनसेट साइकिल की लगाई गई है। ई-रिक्शा में एक डिजिटल मीटर भी लगाया गया है। यह बैटरी पावर दिखाता है। ई-रिक्शा में स्पीड बढ़ाने के लिए तीन मोड दिए गए हैं। इसमें बैक गियर भी दिया गया है। यानी कभी फंसने पर उसे आगे-पीछे किया जा सके। विकास के इस प्रोजेक्ट की खबर दूर-दूर तक है। एक-दो कंपनी के अधिकारी उनके घर विजीट पर आकर ई-रिक्शा देख चुके हैं। उम्मीद है कि जल्द कोई कंपनी उनके साथ टाइअप कर सकती है।
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