ट्रेडमिल का इतिहास बेहद रोचक है। जिस चीज का इस्तेमाल आज हम फिटनेस के लिए करते है, करीब दो सौ साल पहले इसे कैदियों को सजा देने के लिए करते थे। मगर इसके खतरनाक नतीजे सामने आए, जिसके बाद इस पर रोक लगा दी गई। 

नई दिल्ली। फिटनेस पर आज हर कोई ध्यान देता है। कुछ लोग जिम जाते हैं। कुछ पार्क और कुछ लोग घर पर ही योग और एक्सरसाइज कर लेते हैं। ज्यादातर लोग ट्रेडमिल पर मेहनत करते हैं। इसमें एक ही जगह खड़े-खड़े दौड़ते रहते हैं, मगर काफी थक जाते हैं। मगर यह बात बहुत कम लोग जानते हैं कि ट्रेडमिल की शुरुआत कब और क्यों हुई। 

दरअसल, इसका ईजाद कैदियों को सजा देने के लिए किया गया था। विशेषज्ञों का दावा है कि ट्रेडमिल करीब दो सौ साल पहले ब्रिटेन की जेल में कैदियों को सजा देने या कहें टॉर्चर करने के लिए लाई गई थी। इसके जरिए उनसे जमकर मेहनत कराई जाती थी। ट्रेडिमल को 1818 में एक मिल मालिक के बेटे ने डिजाइन किया था। इनका नाम था विलीयम क्यूबिट और ट्रेडमिल बनाई थी उन्होंने अनाज को कुचलने या फिर कहें दरदरा करने के लिए। 

ट्रेडव्हील के जरिए कैदियों से अनाज पिसवाया जाता था 
हालांकि, बाद में इसका इस्तेमाल जेल में बंद कैदियों को सजा देने के लिए किया जाने लगा। तब इसे ट्रेडमिल की जगह ट्रेडव्हील कहते थे। पहली बार इसे लंदन की ब्रिक्सटन जेल में कैदियों को टॉर्चर करने के लिए लाया गया। एक बार में 24 कैदी एकसाथ इसे चलाते थे। इसके जरिए कैदी दिनरात व्यस्त रहते थे। इसमें चौड़े पहिए लगे थे। इस पर खड़े होकर कई कैदी एकसाथ चलते थे। नीचे की तरफ अनाज रखा होता था और पहिए के चलने से यह पिसा जाता था। गर्मी में एक बार में कैदी 7 घंटे और गर्मी में दस घंटे इसे चलाते थे। 

पहले लोग जेल जाना चाहते थे, क्योंकि वहां मौज थी 
अब आप सोचेंगे कि जेल में इसे लाने की क्यों प्लानिंग हुई, तो इसकी रोचक वजह है। पहले कैदियों को जेल में कई तरह की सुविधा मिलती थी। सिर्फ खाना और आराम करना। तो कई लोग अपराध करके आराम करने और खाने के लिए जेल चले आते। मगर जब ये ट्रेडव्हील आया और उन्हें काम कराया जाने लगा, तो लोग अपराध से बचने लगे। 1842 तक कई जेलों में ऐसी ट्रेडव्हील लगा दी गई। वैसे, कई जेलों में कैदी इससे गिरकर घायल होने लगे। कमजोर दिल वाले कुछ कैदी मर भी गए तो 1898 में इस पर रोक लगा दी गई। 

ट्रेडव्हील को कैसे और किसने बनाया ट्रेडमिल
इसके बाद 1968 में सेना में डॉक्टर केनेथ कूपर ने अपनी किताब Aerobics (एयरोबिक्स) में ट्रेडमिल से एक्सरसाइज से होने वाले लाभ के बारे में बताया। तब यह मशीन बड़ी थी, जिसे अमरीकी इंजीनियर विलियम स्टब ने छोटा करके फिटनेस मशीन का स्वरूप दिया और लोग इसका घर में भी इस्तेमाल करने लगे। इस तरह ट्रेडव्हील बन गई ट्रेडमिल।