MalayalamNewsableKannadaKannadaPrabhaTeluguTamilBanglaHindiMarathiMyNation
  • Facebook
  • Twitter
  • whatsapp
  • YT video
  • insta
  • ताज़ा खबर
  • राष्ट्रीय
  • वेब स्टोरी
  • राज्य
  • मनोरंजन
  • लाइफस्टाइल
  • बिज़नेस
  • सरकारी योजनाएं
  • खेल
  • धर्म
  • ज्योतिष
  • फोटो
  • Home
  • Viral
  • World Labour Day 2023 : ऐसे हुई थी प्रतिदिन 8 घंटे काम करने की शुरुआत, अपनी मांगों के लिए सैंकड़ों मजूदरों ने खाई थीं गोलियां

World Labour Day 2023 : ऐसे हुई थी प्रतिदिन 8 घंटे काम करने की शुरुआत, अपनी मांगों के लिए सैंकड़ों मजूदरों ने खाई थीं गोलियां

1 मई को पूरे विश्व में मजदूर दिवस (World Labour Day) मनाया जाता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि इसी दिन की वजह से प्रतिदिन 8 घंटे काम करने वाले चलन की शुरुआत हुई थी।

2 Min read
Piyush Singh Rajput
Published : May 01 2023, 10:40 AM IST| Updated : May 02 2023, 10:34 AM IST
Share this Photo Gallery
  • FB
  • TW
  • Linkdin
  • Whatsapp
  • GNFollow Us
15
कई मजदूरों का बहा था खून
Image Credit : Getty

कई मजदूरों का बहा था खून

इस दिन को मनाने का उद्देश्य मजदूरों और श्रमिकों के हक और अधिकारों के प्रति जागरुकता फैलाना और उनकी उपलब्धियों का सम्मान करना है। हालांकि, मजदूर दिवस (Labour Day) की शुरुआत इतनी आसान नहीं थी, इसमें कई मजदूरों का खून बहा था। आइए जानते हैं…

25
पहले करना होता था 12-15 घंटे काम
Image Credit : Getty

पहले करना होता था 12-15 घंटे काम

इतिहासकारों के मुताबिक पहले मजदूर दिवस की शुरुआत 1 मई 1886 को हुए एक आंदोलन से हुई थी। अमेरिका में उस दौर में मजदूरों से प्रतिदिन 12 से 15 घंटे जबरन काम कराया जाता और अवकाश भी नहीं दिया जाता था। इससे उनके स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने लगा था। जिसके बाद मजूदरों ने अपने हक की लड़ाई लड़ना शुरू की।

35
मजदूरों पर दागी गोलियां
Image Credit : Getty

मजदूरों पर दागी गोलियां

1 मई 1886 को शिकागो के हेमार्केट (Haymarket Affair) में हजारों मजदूरों ने अपने हक के लिए प्रदर्शन करना शुरू किया था। उन्हें रोकने के लिए पुलिस ने बम और गोली दागना शुरू कर दिया, जिससे दंगे भड़क उठे। इसमें कई मजदूरों की जान गई और सैंकड़ों घायल हुए, जिसके बाद पूरे विश्व में मजदूरों के हक के लिए आवाजें उठने लगीं।

45
आंदोलन के तीन साल बाद हुआ ये फैसला
Image Credit : Getty

आंदोलन के तीन साल बाद हुआ ये फैसला

इस आंदोलन के लगभग 3 साल बाद 1889 में अंतरराष्ट्रीय समाजवादी सम्मेलन की एक अहम बैठक बुलाई गई। इसी बैठक में तय किया गया कि मजदूर, श्रमिक या अन्य किसी तरह का सेवा कार्य करने वाले व्यक्ति से केवल दिन के 8 घंटे ही काम लिया जा सकेगा और उन्हें सप्ताह में कम से कम एक बार अवकाश दिया जाएगा।

55
कई देशों में लागू हुआ ये नियम
Image Credit : Getty

कई देशों में लागू हुआ ये नियम

1889 के अंतरराष्ट्रीय समाजवादी सम्मेलन में ही 1 मई को मजदूर दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा गया, साथ ही हर साल 1 मई को वैश्विक अवकाश रखने का फैसला किया गया। अमेरिका में आठ घंटे काम करने के नियम के बाद भारत समेत कई देशों में इस नियम को लागू किया गया।

अन्य ट्रेंडिंग आर्टिकल्स के लिए यहां क्लिक करें…

About the Author

PS
Piyush Singh Rajput

Latest Videos
Recommended Stories
Related Stories
Asianet
Follow us on
  • Facebook
  • Twitter
  • whatsapp
  • YT video
  • insta
  • Download on Android
  • Download on IOS
  • About Website
  • Terms of Use
  • Privacy Policy
  • CSAM Policy
  • Complaint Redressal - Website
  • Compliance Report Digital
  • Investors
© Copyright 2025 Asianxt Digital Technologies Private Limited (Formerly known as Asianet News Media & Entertainment Private Limited) | All Rights Reserved