सर्जरी के बाद 15 दिन की मेडिकल छुट्टी पर गए कर्मचारी को मैनेजर ने बिस्तर से काम करने को मजबूर किया। सोशल मीडिया पर साझा यह घटना, ऑफिस में कर्मचारियों के शोषण और खराब वर्क कल्चर को उजागर करती है। यह मामला वर्कप्लेस पर अधिकारों पर बहस छेड़ता है।
ऑफिस में कई लोग तरह-तरह के शोषण और मानसिक तनाव का सामना करते हैं। ऐसे ही एक बुरे कामकाजी माहौल के बारे में एक कर्मचारी की सोशल मीडिया पोस्ट वायरल हो गई है। कर्मचारी ने खुलासा किया है कि सर्जरी के बाद छुट्टी पर होने के बावजूद, मैनेजर ने उसे बिस्तर पर लेटे-लेटे काम करने के लिए मजबूर किया।
'बिस्तर पर लेटे-लेटे भी काम करना होगा'
सर्जरी के बाद 15 दिन की मेडिकल छुट्टी मिलने के बावजूद, मैनेजर ने बिस्तर पर लेटे-लेटे काम करने के लिए बार-बार जोर दिया। सोशल मीडिया पर अपना बुरा अनुभव शेयर करते हुए कर्मचारी ने यह भी बताया कि सर्जरी से पहले वह महीनों से बहुत दर्द से गुजर रहा था। लेकिन, जैसे ही छुट्टी मंजूर हुई, मैनेजर ने दबाव बनाना शुरू कर दिया। उसका कहना है कि सर्जरी वाले दिन जब वह दवा के नशे में था, तब भी मैनेजर ने फोन किया। सर्जरी के तीसरे दिन से ही मैनेजर काम की प्रोग्रेस के बारे में पूछकर मैसेज भेजने लगा। सातवें दिन तक यह सवाल उठने लगा कि वह फुल टाइम काम पर कब लौटेगा। वैसे, पोस्ट में कंपनी या मैनेजर का नाम नहीं बताया गया है।
मैनेजर को नजरअंदाज करें
कर्मचारी का कहना है कि डिस्चार्ज पेपर, डॉक्टर का पर्चा और आराम करने के साफ निर्देशों वाले मेडिकल डॉक्यूमेंट जमा करने के बावजूद, मैनेजर का दबाव बना रहा। जब उनकी पोस्ट सोशल मीडिया पर चर्चा में आई, तो कई लोगों ने मैनेजर के इस असंवेदनशील बर्ताव की आलोचना की। एक ध्यान खींचने वाले कमेंट में लिखा था, "आपको छुट्टी मिली है, ज़्यादा तनाव न लें और अपनी सेहत का ध्यान रखें।" कुछ कंपनियों में कर्मचारियों की भलाई को लेकर जो खराब माहौल है, यह खुलासा उसी ओर इशारा करता है। इस घटना ने एक बार फिर वर्कप्लेस पर मिलने वाले बुनियादी अधिकारों पर बहस छेड़ दी है।
