सार

आठ साल पहले बिछड़ी थी अपने झुंड से। फिर बन गई परिवार का हिस्सा। आज घरवालों के लिए रोटी बनाती है, बर्तन धोती है रानी। 
 

दूसरे जीवों से इंसान को अलग बनाती है उसकी सामाजिक ज़िंदगी। कई तरह के काम करके एक साथ रहना, ये हुनर किसी और जीव ने अब तक नहीं सीखा। लेकिन इंसानों के साथ रहकर दूसरे जीव भी कुछ चीज़ें सीख लेते हैं, इसकी कई मिसालें हैं। मैना, तोता जैसे पंछी इंसानों की भाषा बोलते हैं, कुत्ते दुकान से सामान लाते हैं, ये हमने देखा है। लेकिन एक बंदर रोटी बनाए और बर्तन धोए, ऐसा भी होता है? जी हाँ, ऐसा एक बंदर है, उत्तर प्रदेश में। 

उत्तर प्रदेश के रायबरेली में एक परिवार के साथ एक बंदर रहती है, बिल्कुल घर के सदस्य की तरह। रानी नाम है उसका। रानी कई इंसानी काम कर लेती है। रानी का वीडियो यूट्यूब पर आने के बाद वो सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। लोग उसे प्यार से 'जॉली बंदरिया' कहते हैं। लेकिन 'बंदरिया' कहने पर रानी रिएक्ट नहीं करती। 'रानी' कहो तो वो सुन लेती है। पिछले आठ साल से भदोखर थाना क्षेत्र के सद्वा गाँव में रहने वाले किसान विश्वनाथ के परिवार का हिस्सा है रानी। वो परिवार के साथ सोती-जागती, खाती-पीती है, बिल्कुल घर के किसी सदस्य की तरह।

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आठ साल पहले एक दिन गाँव में बंदरों का झुंड आया था। उसी झुंड से बिछड़ गई थी रानी। विश्वनाथ की पत्नी ने उसे पाला, बिल्कुल अपने बच्चे की तरह। वो जो भी घर का काम करती, रानी को साथ रखती। धीरे-धीरे रानी ने घर के काम सीख लिए। परिवार के साथ खाना, सोना-जागना सीखा। फिर रोटी बनाना, बर्तन धोना, झाड़ू लगाना भी सीख लिया। इतना ही नहीं, फुर्सत में रानी परिवार के मोबाइल से रील्स और वीडियो भी देखती है। घर के कुत्ते समेत दूसरे जानवरों को कंट्रोल करना भी रानी का काम है। 

विश्वनाथ के बेटे आकाश ने रानी के हुनर को अपने मोबाइल में कैद किया और अपने यूट्यूब चैनल 'रानी बंदारिया' पर शेयर किया। दुनिया भर से लाखों लोग रानी के फैन हैं। शुरुआत में रानी अकेली और उदास रहती थी। लेकिन धीरे-धीरे वो घरवालों से घुल-मिल गई, आकाश बताते हैं। रानी बहुत समझदार है, आकाश का कहना है। ज्यादातर समय इंसानों के साथ रहने की वजह से अब बंदर रानी को अपने साथ नहीं रखते।