निज़ामुद्दीन मेट्रो पर वायरल वीडियो में एक किशोर भीख मांगते हुए युवक के पैर से लिपट गया। दिखा। उसने युवक को भीख देने के लिए मजबूर कर दिया। बिना पैसे लिए वो युवक का पैर छोड़ने के लिए तैयार ही नहीं हुआ।
New ways of begging: भारत में रेलवे स्टेशन, बस स्टेंड, मंदिर, मस्जिद, चर्च और ऐसी ही पब्लिक प्लेस पर बड़ी तादाद में भीख मांगते लोग मिल जाते हैं। ट्रेन में तो आपका पेंट, शर्ट खीचेंगे या फिर और दूसरे फिजिकल तरीके अपनाते हैं। भीख मांगने के लिए ये लोग एकदम प्रोफेशनल होते हैं, इसमें सबसे बड़ा टूल बच्चे होते हैं। बच्चों को देखकर कोई भी आसानी से अपनी जेब ढीली कर देता है। वहीं यदि बच्चे खुद भीख मांगे तो फिर उन्हें कुछ ना कुछ आदमी पकड़ा ही देता है। यही बच्चे जब बड़े हो जाते हैं तो भी भीख मांगने की आदत नहीं जाती है। यहां हम ऐसे ही किशोर का वीडियो शेयर कर रहे हैं, जो भीख मांगते-मांगते ज़बरदस्ती पर उतर आया।
भीख के लिए क्या-क्या करते हैं बच्चे
रैडिट अकाउंट r/NewDelhi पर शेयर किए वीडियो का हाल देखकर आप चौंक सकते हैं। यहां निजामुद्दीन मेट्रो स्टेशन की आउटर सीढ़ियो पर एक युवक नीचे उतर रहा है, वहीं उसके पैर से लिपटकर एक किशोर तकरीबन घिसटता हुआ नीचे सरक रहा है। वहीं इसके ठीक पीछे कोई अन्य युवक इस पूरे घटनाक्रम को रिकॉर्ड कर रहा है। वो इसके साथ कॉमेन्ट्री करके बता रहा है कि मेट्रो स्टेशन दिल्ली में भिखारी बच्चे किस हद मजबूर करते हैं। आप जबतक इन्हें पैसे नहीं देते ये आपको छोड़ते ही नहीं हैं। कई बार इनके गंदे कपड़ों से बचने के लिए लोग पहले ही पैसे थमा देते हैं। यदि किसी ने मना किया तो ये उसके गले पड़ जाते हैं। ऐसा नहीं है कि वीडियो में दिख रहा एक बच्चा ही ये काम करता है। दरअसल इनकी पूरी गैंग होती है, जो अलग अलग जगहों पर इसी तरह से मजबूर करते हुए भीख मांगते हैं।
सुप्रीम कोर्ट का आदेश:
भारत में सुप्रीम कोर्ट राज्यों को यह निर्देश दे चुका है कि किसी भी शख्स को केवल “भीख मांगने” के लिए अरेस्ट ना किया जाए, उसे इस बात के लिए अपराधी ना माना जाए। शीर्ष न्यायालय ने कहा कि गरीबी की वजह से सड़क पर रहना कोई क्राइम नहीं है। वहीं साल 2021 में बॉम्बे हाईकोर्ट ने भी "बेगिंग ऐक्ट" के कई प्रावधानों को रद्द करते हुए कहा था कि राज्य का दायित्व है कि वह ऐसे लोगों के पुनर्वास और शिक्षा की व्यवस्था करे, न कि उन्हें सज़ा दे।


