हटके डेस्क। दुनिया भर में कोरोना महामारी का कहर लगातार बढ़ता ही जा रहा है। इससे 200 से भी ज्यादा देश प्रभावित हैं। पूरी दुनिया में कोरोना वायरस संक्रमण के 29 लाख मामले सामने आए हैं और अब तक 2 लाख लोगों की मौत हो चुकी है। इस महामारी से सबसे ज्यादा मौतें अमेरिका में हुई हैं। यहां 55 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। अमेरिका में कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित न्यूयॉर्क है। न्यूयॉर्क स्टेट में 16, 599 लोग कोरोना से जान गंवा चुके हैं, वहीं न्यूयॉर्क सिटी में मौतों का आंकड़ा 12 हजार से भी ज्यादा हो गया है। हालात इतने खराब हैं कि लाशों को कहां दफनाया जाए, यह समस्या पैदा हो गई है। लाशों को रखने की जगह नहीं रह गई है। लावारिस लाशों को ठिकाने लगाना सबसे बड़ी समस्या है। इसे देखते हुए वहां हार्ट आइलैंड में लाशों को दफनाने की व्यवस्था की जा रही है। वहां कब्र खोद कर एक साथ कई लाशें दफनाई जा रही हैं। ये लाशें न्यूयॉर्क से बड़े-बड़े ट्रकों में भर कर यहां लाई जा रही हैं। करीब 10 हजार लावारिश लाशें यहां दफनाई जाएंगी।
इसे देखते हुए इस जगह को 'आइलैंड ऑफ द डेड' यानी मुर्दों का टापू कहा जा रहा है। 'द हार्ट आइलैंड प्रोजेक्ट' की प्रेसिंडेट मेलिंडा हॉन्ट का कहना है कि उन्होंने अपने जीवन में ऐसा कभी नहीं देखा था। मेलिंडा ने कहा कि ऐसा लगता है कि यह कोई नरसंहार है। यहां सैकड़ों की संख्या में एक साथ उन लाशों को दफना दिया जाता है, जिनका 15 दिन तक कोई दावेदार सामने नहीं आता। इस जगह पर पहले भी सामूहिक रूप से लाशों को दफनाया जाता रहा है। 1860 के सिविल वॉर से लेकर 1918 के स्पेनिश फ्लू और 1980 की एड्स महामारी के दौरान भी यहां बड़ी संख्या में मृतकों को दफनाया गया। देखें इससे जुड़ी तस्वीरें।