36 वर्षीय ली ज़िया ने मस्कुलर डिस्ट्रॉफी के बावजूद हिम्मत नहीं हारी। केवल एक उंगली और पैर के अंगूठे का उपयोग कर, उन्होंने टेक्नोलॉजी की मदद से एक सफल 'स्मार्ट फार्म' बनाया और अपनी कंपनी भी शुरू की है।

36 साल के चीनी युवक ली ज़िया यह साबित कर रहे हैं कि किस्मत को हराने के लिए शरीर की नहीं, बल्कि मन की ताकत चाहिए। उन्हें सांस लेने के लिए वेंटिलेटर की ज़रूरत पड़ती है और हिलने-डुलने के लिए सिर्फ एक उंगली और एक पैर का अंगूठा ही काम करता है। लेकिन, इन सभी मुश्किलों को पार करते हुए, इस युवक ने एक आधुनिक 'स्मार्ट फार्म' (Smart Farm) बनाकर दुनिया को हैरान कर दिया है।

सिर्फ एक उंगली और एक पैर का अंगूठा ही हिलता है

चीन के चोंगकिंग के रहने वाले ली ज़िया को पांच साल की उम्र में मस्कुलर डिस्ट्रॉफी (Muscular dystrophy) नाम की बीमारी हो गई थी, जो मांसपेशियों को कमजोर कर देती है। बीमारी बढ़ने पर उन्हें पांचवीं क्लास में ही पढ़ाई छोड़नी पड़ी। लेकिन, उन्होंने पढ़ना-लिखना नहीं छोड़ा। अपनी छोटी बहन की स्कूल से लाई गई कंप्यूटर की किताबों से ली ने टेक्नोलॉजी की दुनिया में कदम रखा। 25 साल की उम्र में, उन्होंने इंटरनेट की मदद से खुद ही प्रोग्रामिंग सीख ली।

वेंटिलेटर की मदद से लेते हैं सांस

बीमारी बढ़ने के साथ ली की शारीरिक हालत और खराब हो गई। उन्हें चलने, खाने और यहां तक कि सांस लेने में भी दिक्कत होने लगी। 2020 में, वह कोमा में चले गए। डॉक्टरों के भी उम्मीद छोड़ देने के बाद ली ज़िंदगी में वापस लौटे। आज ली एक वेंटिलेटर की मदद से ही सांस लेते हैं।

मां की मदद से बनाई अपनी कंपनी

2021 में ली ने बिना मिट्टी की खेती (Soilless farming) के बारे में सीखा। उन्होंने खेती में इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करने का फैसला किया। सिर्फ एक उंगली और पैर के अंगूठे को हिलाकर, उन्होंने वर्चुअल कीबोर्ड की मदद से एक स्मार्ट फार्म कंट्रोल सिस्टम तैयार किया। ली की मां वू दिमेई ने उनके विचारों को हकीकत में बदलने का काम किया। बेटे के निर्देशों पर मां ने सर्किट जोड़ना और वायरिंग करना सीखा। उन्होंने रिमोट कंट्रोल से चलने वाली एक ड्राइवरलेस गाड़ी भी बनाई। इस गाड़ी का इस्तेमाल अब सामान पहुंचाने के लिए किया जाता है। आज ली का स्मार्ट फार्म काफी मुनाफे में चल रहा है। इस बीच उन्होंने अपनी एक कंपनी भी शुरू कर ली है। ली ज़िया साबित करते हैं कि अगर टेक्नोलॉजी और कड़ी मेहनत साथ मिल जाए, तो किसी भी बाधा को पार किया जा सकता है। आज यह युवक चीन के लाखों लोगों के लिए एक बड़ी प्रेरणा है।