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105 MM की जिन तोपों से दी गई गणतंत्र दिवस की सलामी वो बनती हैं मध्यप्रदेश के जबलपुर में, जानें कितनी ताकतवर हैं ये तोपें

ट्रेंडिंग डेस्क. इस बार गणतंत्र दिवस पर कर्तव्य पथ स्वेदेशी तोपों से गूंज उठा। जिन 105 मिमी की इंडियन फील्ड गन से कर्तव्य पथ पर सलामी दी गई उसे मध्यप्रदेश के जबलपुर में बनाया जाता है। जानें कितनी ताकतवर है ये तोप और क्या है इसका इतिहास…

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Piyush Singh Rajput
Published : Jan 26 2023, 10:47 AM IST| Updated : Jan 26 2023, 11:17 AM IST
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Image Credit : SOCIAL MEDIA

कर्तव्य पद पर गरजने वाली इन तोपों से पहले तक ब्रिटिश गन 25 पाउंडर आर्टिलरी से ये सलामी दी जाती थी, लेकिन अब इसकी जगह 105 मिमी की इंडियन फील्ड गन (105 mm Indian Field Gun)ने ले ली है। आर्मी सूत्र बताते हैं कि आर्मामेंट रिसर्च एंड डेवलपमेंट इस्टैब्लिशमेंट (ARDE)ने 1972 में इंडियन फील्ड गन को बनाया और जबलपुर की जीसीएफ खमरिया में 1984 में इसका सेना के लिए उत्पादन शुरू हुआ।

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Image Credit : SOCIAL MEDIA

जबलपुर के खमरिया स्थित गन कैरेज फैक्ट्री में बनने वाली इस तोप के लिए अब कानपुर स्थित फील्ड गन फैक्ट्री भी सहयोग करती है। जबलपुर में कई बार आम जनता के लिए इन तोपों की प्रदर्शनी भी लगाई जा चुकी है। इस तोप को बेहद हल्की होने की वजह से फील्ड गन भी कहा जाता है। इसके तीन मॉडल हैं, सबसे हल्का मॉडल 2380 kg का है, वहीं सबसे भारी मॉडल 3440 kg का है। इसकी लंबाई लगभग 19.6 फीट होती है, जिसमें 105×371 mm का गोला डाला जाता है।

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Image Credit : SOCIAL

इस इंडियन फील्ड गन के कई फीचर पहले इस्तेमाल की जाने वाली ब्रिटिश L118 Light Gun की तरह हैं, वहीं कई फीचर्स उससे बेहतर भी हैं। अन्य तोपों के मुकाबले ये बेहद हल्की होने के कारण कहीं भी आसानी से ले जाई सकती है। सबसे खास बात ये है कि इस तोप को चलाने और मेंटेन करने में 2 से तीन लोग ही लगते हैं। 
 

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ये है इस तोप की ताकत
रेंज : 30 किमी दूर तक सटीक मारक क्षमता
फायरिंग रेट : 6 से 10 गोले प्रति मिनट
डैमेज : मध्यम स्तर के वाहन, बंकर या टारगेट
खास : बेहद कम वजन, किसी भी इलाके में ले जाने में आसानी

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Image Credit : Getty

भारत में 21 तोपों की सलामी को देश का सर्वोच्च सम्मान माना गया है। ये सलामी राष्ट्रीय ध्वज और भारतीय गणतंत्र के मुखिया यानी राष्ट्रपति को दी जाती है। इसके अलावा विशेष परिस्थितियों में भी 21 तोपों की सलामी दी जाती है।

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Image Credit : Getty

आपको जानकर हैरानी होगी कि 21 तोपों की सलामी सिर्फ 7 तोपों से दी जाती है। हर तोप के साथ एक एक्स्ट्रा तोप भी रखी जाती है, जिससे कोई तोप रुक जाए तो दूसरी तुरंत इस्तेमाल की जा सके। सलामी के दौरान हर धमाके के बीच लगभग दो सेकंड का अंतर होता है। 74वें गणतंत्र दिवस के मौके पर कर्तव्य पथ पर अतिथियों व दर्शकों ने राष्ट्रगान के साथ 21 तोपों की सलामी को बेहद करीब से महसूस किया। 

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Piyush Singh Rajput

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