सार

आजकल के बच्चे स्कूल और ट्यूशन के बाद होमवर्क के बोझ से दबे रहते हैं, जिससे उन्हें खेलकूद और दूसरी एक्टविटी  के लिए समय नहीं मिल पाता और वे चिड़चिड़े हो जाते हैं। छुट्टियों में भी उन्हें पढ़ाई का दबाव रहता है, जिससे माता-पिता को भी परेशानी होती है।

वायरल न्यूज, Roberto Nevolis invented homework । स्कूली लाइफ लगातार हेक्टिक होती जा रही है। बच्चों पर पढाई का बहुत प्रेशर है। स्कूल में 5 या 6 घंटे बिताने के बाद बच्चों को वापस ट्यूशन के लिए भागना पड़ता है। इसके बाद स्कूल और ट्यूशन दोनों जगहों का होमवर्क की चिंता सिर पर बनी रहती है। इस बीच उन्हें स्पोर्टस एक्टिविटी में शामिल होना होता है। हॉलीडे के दिन भी बच्चों को पेंडिंग स्टडी वर्क निपटाना होता है। इसी वजह से बच्चे चिड़चिड़े हो जाते हैं। कभी-कभी तो वे होमवर्क से इंकार भी कर देते हैं। बच्चों के पेरेंटस को उनका स्कूल का बाकि काम निपटाना होता है।
 
इंस्टा पर शेयर किया गया होमवर्क शुरु करने वाले डिटेल

स्टूडेंट के लिए होमवर्क का आइडिया सबसे पहले किसके दिमाग में आया, इसे किसने शुरू किया, बच्चों के मन में अक्सर ये बाते घूमती रहती हैं। हाल ही में एक इंस्टाग्राम पोस्ट वायरल हो रही है, इसमें उस शख्स की तस्वीर और इंफॉर्मेशन शेयर की गई है, जिसमें होमवर्क की शुरूआत करने वाले की डिटेल शेयर की गई है।

इस तरह शुरु हुआ होमवर्क का सिलसिला

सबसे पहलेआ रॉबर्टो नेवोलिस को बच्चों के लिए होमवर्क देने का विचार आया था। ये बात साल 1905 की है, उन्होंने अपने स्टूडेंट को पनिश करने के लिए इसकी शुरूआत की थी। दरअसल वे चाहते थे कि बच्चे सेल्फ स्टडी करें, जिससे टीचर का बोझ कम हो सके। इसके अलावा इस तरीके से छात्रों में आत्म निर्भर बनने की स्किल डेव्लप होगी ।

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अब सबके लिए हो गया होमवर्क कंपलसरी

नेटीजन्स ने इस पोस्ट पर जमकर रिेएक्ट किया है, एक यूजर ने लिखा- कोई बच्चा होमवर्क के लिए तैयार नहीं होता। वो ये सब मजबूरी में करता है। दूसरे ने लिखा- अब ये केवल बच्चों तक सीमित नहीं रहा, वर्किंग पीपुल्स के लिए भी यही हालात हो गए हैं।


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