सार
रोमिया और जूली ने अपनी सूंघने की शक्ति से पता लगा लिया था कि मलबे में कोई दबा हुआ है जो जीवित है। इसके बाद बचाव दल ने धीरे-धीरे मलबा हटाना शुरू किया।
वायरल डेस्क. तुर्की में आए भयानक भूकंप से अबतक 34 हजार से ज्यादा लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। जैसे-जैसे दिन बीत रहे हैं, वैसे-वैसे लोगों के जिंदा बचने की उम्मीदें कम होती जा रही है। इसी बीच भारत की एनडीआरएफ टीम के दो स्रिफर डॉग्स ने रोमियाे-जूली ने कुछ ऐसा किया, जिससे अब उनकी जमकर तारीफ हो रही है।
जब मलबे में रोमियो-जूली को मिले ये संकेत
तुर्की भेजे गए भारत के बचाव दल के इन स्निफर डॉग्स ने मलबे में दबी छह साल की बच्ची की जान बचाई है। दरअसल, एनडीआरएफ की टीम यहां नुरदागी इलाके में राहत और बचाव कार्यों में जुटी थी। तभी मलबे के पास रोमिया और जूली की जोड़ी ने जोर-जोर से भौंकना शुरू कर दिया। टीम समझ गई कि जरूर मलबे में कोई जीवित व्यक्ति है।
अंदर दबी थी छह साल की बच्ची
रोमिया और जूली ने सूंघने की जबर्दस्त शक्ति से पता लगा लिया था कि मलबे में कोई दबा हुआ है, जो जीवित है। इसके बाद बचाव दल ने धीरे-धीरे मलबा हटाना शुरू किया तो उसके नीचे एक छोटी सी बच्ची जीवित मिली। बच्ची की पहचान छह साल की बेरेन के रूप में हुई है, जिसका अस्पताल में इलाज जारी है।
एक हफ्ते से राहत व बचाव कार्य जारी
बता दें कि तुर्की-सीरिया में 6 फरवरी को 7.8 की तीव्रता का भयानक भूकंप आया था, जिससे सैंकड़ों इमारतें, सड़कें, हवाई पट्टी सबकुछ तबाह हो गया। बड़ी इमारतों के गिरने से सबसे ज्यादा मौतें हुईं। वहीं भूकंप के बाद लगातार आए कई आफ्टर शॉक से भी कई लोगों की जान चली गई। इसके बाद से ही यहां राहत व बचाव कार्य जारी है, जिसमें पीएम मोदी के निर्देश पर सबसे पहले भारतीय सेना व एनडीआरएफ की टीम मदद के लिए तुर्की पहुंची थी।
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