सार

इस रिसर्च में टीम ने पानी के बोतल के ढक्कन से लेकर उसके विभिन्न हिस्सों से सैंपल एकत्रित किए। सैंपल को जब उच्च तकनीक के माइक्रोस्कोप के नीचे लाया गया तो पता चला कि इनमें दो प्रकार के बैक्टीरिया- ग्राम नेगेटिव रॉड और बैसिलस थे।

ट्रेंडिंग डेस्क. कोरोना वायरस महामारी के दौरान आपको ये तो पता चल गया होगा कि हर वस्तु की सतह पर कोई न कोई वायरस या बैक्टीरिया होता है पर क्या आप ये जानते हैं कि आपकी पानी की बॉटल में टॉयलेट सीट से 40 हजार गुना ज्यादा बैक्टीरिया होते हैं? सुनने में अजीब लगे पर ये सच है। अमेरिका के वॉटरफिल्टरगुरु डॉट कॉम के शोधकर्ताओं ने ये चौंकाने वाला खुलासा किया है, जिसकी पूरी दुनिया में चर्चा हो रही है।

क्या कहती है ये रिसर्च?

इस रिसर्च में टीम ने पानी के बोतल के ढक्कन से लेकर उसके विभिन्न हिस्सों से सैंपल एकत्रित किए। सैंपल को जब उच्च तकनीक के माइक्रोस्कोप के नीचे लाया गया तो पता चला कि इनमें दो प्रकार के बैक्टीरिया- ग्राम नेगेटिव रॉड और बैसिलस थे। इसमें सबसे हैरान करने वाली बात यह बताई गई कि पानी की बॉटल में टॉयलेट सीट से ज्यादा बैक्टीरिया होते हैं।

टॉयलेट सीट से ज्यादा बैक्टीरिया कैसे?

शोधकर्ताओं ने बताया कि टॉयलेट सीट एक निर्धारित स्थान पर रहती है इसलिए वहां पर कम बैक्टीरिया पाए जाते हैं। वहीं लगातार साफ-सफाई होने की वजह से इनकी संख्या घटती रहती है। लेकिन इसके ठीक उलट लोग जिन पानी की बोतलों को लोग साफ और सुरक्षित मानते हैं वे सबसे ज्यादा खतरनाक होती हैं। दरसअल, ये बॉटल आपके साथ-साथ कई जगह जाती रहती हैं। पानी की बॉटल को लोग बाहर से कम धोते हैं, जिसकी वजह से इसकी ऊपर सतह पर खतरनाक बैक्टीरिया पनपने लगते हैं।

हो सकते हैं गंभीर बीमारियों का शिकार

रिपोर्ट में कहा गया कि बोतल की सतह पर पाए जाने वाले बैक्टीरिया कई गंभीर संक्रमण का कारण बन सकते हैं। इनमें से कई संक्रमण पर एंटीबायोटिक भी असर नहीं करतीं । वहीं बिना साफ की हुई बोतल चाहे ऑफिस की हो या घर की, वह आपको सर्दी-खांसी से लेकर ग्रेस्ट्रोइन्टेस्टाइनल संक्रमण का भी शिकार बना सकती है। बताया गया कि पानी की बोतल में किचन के सिंक से दो गुना, माउस से चार गुना और पालतू जानवरों के बर्तन से 14 गुना ज्यादा गंदगी होती है। एक्सपर्ट्स ने कहा कि इस खतरे से बचने के लिए पानी को बोतलों को नियमित अंतराल पर अंदर व बाहर अच्छे वॉशिंग सोप से धोना और सुखाना चाहिए।

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