सार

कुछ दिन पहले की ही बात है, जब अमेरिकी राष्ट्रपति से चीनी स्पाई बैलून घटना पर सवाल पूछे गए थे। उस दौरान भी उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस को बीच में ही छोड़ दिया था और वहां से उठकर चले गए थे। अब एक बार फिर उन्होंने बीच में ही पीसी छोड़ी है।

ट्रेडिंग डेस्क : सिलिकॉन वैली बैंक क्राइसिस (Silicon Valley Bank Crisis) अब अमेरिकी सरकार की परेशानी बनती जा रही है। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि सोमवार को जब अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) से इसको लेकर सवाल किया गया तो उन्हें जवाब तो दिया नहीं, उल्टे इतना बौखला गए कि प्रेस मीट छोड़कर ही चले गए। यह पहला वाकया नहीं है, जब अमेरिकी राष्ट्रपति ने बीच में ही प्रेस कॉन्फ्रेंस छोड़ दिया हो। इससे पहले चीनी स्पाई बैलून घटना पर भी जब बाइडेन से सवला पूछा गया, तब वे बिना जवाब दिए वहां से उठकर चले गए थे।

इस सवाल पर पीसी छोड़ चले गए अमेरिकी राष्ट्रपति

दरअसल, राष्ट्रपति जो बाइडेन व्हाइट हाउस में 'लचीली बैंकिंग व्यवस्था को बनाए रखने और ऐतिहासिक आर्थिक सुधार की रक्षा' विषय पर अपनी बात रख रहे थे। जब उनकी स्पीच खत्म हो गई, तब वहां मौजूद एक रिपोर्टर ने उनसे पूछा कि वे सिलिकॉन वैली बैंक क्राइसिस में अभी तक क्या-क्या जानते हैं और ऐसा क्यों हुआ? क्या प्रेसीडेंट अमेरिका के लोगों को भरोसा दे सकते हैं कि आगे फिर कभी ऐसा नहीं होगा? इस सवाल को सुनते ही बाइडेन बिना जवाब दिए वहां से चले गए।

 

 

प्रेस मीट में गुस्सा भी हो चुके हैं जो बाइडेन

पिछले साल जनवरी की बात है, जब जो बाइडेन ने लाइव माइक्रोफोन पर एक रिपोर्टर को 'सन ऑफ बिच' कह दिया था। तब व्हाइट हाउस फोटो सेशन चल रहा था। इसी दौरान फॉक्स न्यूज के पत्रकार ने उनसे देश में लगातार बढ़ रही महंगाई से मिड टर्म इलेक्शन में पार्टी के नुकसान पर सवाल कर दिया था। इसपर बाइडेन बौखला गए और उन्होंने सरेआम पत्रकार को 'स्टुपिड सन ऑफ बिच' कर दिया था।

बैंकिंग क्राइसिस पर बाइडेन ने क्या बोला

सोमवार को अमेरिका में बैंकिंग क्राइसेस पर बोलते हुए बाइडेन ने कहा कि फिलहाल देश का फाइनेंशियल सिस्टम पूरी तरह सेफ है। सिलिकॉन वैली बैंक क्राइसिस से जो भी नुकसान हुआ है, उसका कोई भी भार टैक्सपेयर्स पर नही डाला जाएगा। यह जनता से सरकार का वादा है। बता दें कि HSBC ने अमेरिकी सिलिकॉन वैली बैंक की UK यूनिट को सिर्फ 1 पाउंड मतलब करीब 99 रुपए में खरीद लिया है। अधिग्रहण की कीमत नाम मात्र इसलिए है, क्योंकि सिलिकॉन वैली बैंक के पूरे कर्ज को सरकार का बैकअप है। इसका मतलब यह हुआ कि HSBC को इस डील के बाद किसी तरह का लोन नहीं चुकाना होगा।

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