सार
दोनों का कहना है कि जब उन्होंने यात्रा करने का फैसला सुनाया तो घरवाले पहले तो डर गए. खासकर अटलांटिक महासागर में बिना किसी अनुभव के नौकायन नाव से यात्रा करने के फैसले ने दोस्तों और परिवार वालों को चिंतित कर दिया था.
दुनिया घूमने का सपना बहुत लोग देखते हैं. कुछ लोगों के सपने पूरे होते हैं तो कुछ के सपने ही रह जाते हैं. खैर, ऐसी ही एक यात्रा करके खबरों में जगह बना रहे हैं दोस्त टॉमासो फेरिना और एड्रियन लाफुएंते. दोनों ने अब तक 27 देशों की यात्रा की है. इतना ही नहीं, यह सिलसिला अभी भी जारी है. क्या है इनकी यात्रा की खासियत? इन दोनों ने अपनी एक भी यात्रा में हवाई जहाज का इस्तेमाल नहीं किया.
463 दिनों में दोनों ने इतने देशों की यात्रा की. कार्बन उत्सर्जन में योगदान नहीं देना चाहते, यह कहकर दोनों ने अपनी सभी यात्राओं में हवाई जहाज से परहेज किया और दूसरे रास्ते चुने. इसके बजाय, उन्होंने दुनिया की खोज के लिए नावों, पैदल चलना और लिफ्ट लेकर यात्रा करने जैसे तरीकों का इस्तेमाल किया. इस पर्यावरण के अनुकूल दृष्टिकोण ने उन्हें 'सस्टेनेबल एक्सप्लोरर्स' का खिताब भी दिलाया है.
फेरिना (25) और लाफुएंते (27) ने अब तक यूरोप और दक्षिण अमेरिका के अधिकांश हिस्सों की यात्रा कर ली है. उनकी अब तक की यात्रा पर £11,800 (लगभग 6,48,283 रुपये) का खर्च आया है. फेरिना इटली के रहने वाले हैं. लाफुएंते स्पेन के रहने वाले हैं. उन्होंने 'प्रोजेक्ट क्यून' के तहत यह यात्रा शुरू की थी. वे सोशल मीडिया पर अपनी यात्रा के अनुभव साझा करते हैं. उनका कहना है कि यह प्रकृति को जानने और समझने का एक सफर है.
दोनों का कहना है कि जब उन्होंने यात्रा करने का फैसला सुनाया तो घरवाले पहले तो डर गए. खासकर अटलांटिक महासागर में बिना किसी अनुभव के नौकायन नाव से यात्रा करने के फैसले ने दोस्तों और परिवार वालों को चिंतित कर दिया था.
दोनों का कहना है कि हम दोनों तीन साल से दोस्त हैं और बीच-बीच में अनबन और झगड़े होते रहते हैं, यह तो रिश्तों में स्वाभाविक है. साथ ही, यात्राओं में कई अच्छे अनुभव और खराब मौसम सहित कई बाधाएं भी आईं, लेकिन उनका मानना है कि वे यात्राएं अविस्मरणीय थीं. खैर, उनकी योजना अभी और यात्रा करने की है.