सार
आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवशयनी एकादशी (Devshayani Ekadashi 2022) कहते हैं। साल में आने वाले 24 एकादशियों में इसका विशेष महत्व है क्योंकि मान्यताओं के अनुसार, इस दिन से अगले 4 महीनों तक भगवान विष्णु पाताल में विश्राम करते हैं। इस दौरान सृष्टि का संचालन महादेव के हाथों में होता है।
उज्जैन. इस बार देवशयनी एकादशी (Devshayani Ekadashi 2022) 10 जुलाई रविवार को है। इस दिन भगवान विष्णु की विशेष पूजा की जाती है। उज्जैन के ज्योतिाषाचार्य पं. प्रफुल्ल भट्ट के अनुसार, देवशयनी एकादशी का धर्म ग्रंथों में विशेष महत्व बताया गया है। इस दिन यदि कुछ खास उपाय किए जाएं तो हर परेशानी से बचा जा सकता है। ये उपाय बहुत आसान है, जिसे कोई भी कर सकता है। अगर आप भी किसी समस्या में हैं तो देवशयनी एकादशी पर आगे बताए गए उपाय करें…
विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें
देवशयनी एकादशी पर विष्णु सहस्त्रनाम का जाप करना चाहिए। इसके लिए सुबह स्नान आदि करें और भगवान विष्णु के चित्र या प्रतिम के सामने शुद्ध घी का दीपक जलाकर पाठ आरंभ करें। ऐसा करने से आपकी हर परेशानी दूर हो सकती है। अगर आप स्वयं विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ न कर पाएं तो ये काम किसी योग्य ब्राह्मण से भी करवा सकते हैं। इससे आपकी मनोकामना जरूर पूरी होगी।
धन लाभ के लिए श्रीसूक्त का पाठ करें
अगर आपके जीवन में धन की कमी है और आप धन लाभ पाना चाहते हैं तो देवशयनी एकादशी पर भगवान विष्णु के साथ देवी लक्ष्मी की भी पूजा करें और उसी स्थान पर बैठकर श्रीसूक्त का पाठ करें। इस उपाय से देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और साधक की हर कामना पूरी करती हैं।
पीले वस्त्र व फलों का दान करें
देवशयनी एकादशी पर भगवान विष्णु को पीले वस्त्र अर्पित करें और बाद में ये वस्त्र किसी ब्राह्मण को दान कर दें। इस दिन अपनी शक्ति के अनुसार पीले फल जैसे केले, आम आदि पहले भगवान विष्णु को चढ़ाएं और बाद में इसे गरीबों को बांट दें। देवशयनी एकादशी पर किसी विष्णु मंदिर में केसरिया ध्वजा का दान करें। ये उपाय आपके जीवन की हर परेशानी दूर कर सकते हैं।
केसर मिश्रित दूध से अभिषेक करें
देवशयनी एकादशी पर सुबह स्नान आदि करने के बाद एक साफ स्थान पर एक बड़ी थाली में भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित करें। इसके बाद दक्षिणावर्ती शंख में केसर मिश्रित दूध लेकर इन दोनों प्रतिमाओं का अभिषेक करें। साथ ही मन ही मन विष्णु मंत्रों का जाप भी करते रहें। इसे ग्रहों के दोष दूर हो सकते हैं।
मंत्रों का जाप करें
देवशयनी एकादशी पर सुबह स्नान आदि करने के बाद साफ स्थान पर बैठकर तुलसी की माला से नीचे लिखे किसी एक मंत्र का जाप कम से कम 11 माल (एक माला यानी 108 बार) करें-
- ऊं नमो भगवते वासुदेवाय
- ऊं नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।।
- ऊं विष्णवे नम:
- ऊं हूं विष्णवे नम:
ये भी पढ़ें-
Devshayani Ekadashi 2022: 10 जुलाई को देवशयनी एकादशी पर भूलकर भी न करें ये 4 काम
Devshayani Ekadashi July 2022: 10 जुलाई को करें देवशयनी एकादशी व्रत, ये है पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और कथा
Devshayani Ekadashi 2022: कब है देवशयनी एकादशी, क्यों खास है ये तिथि? जानिए इससे जुड़ी कथा