सार
हिंदू धर्म में हर शुभ कार्य से पहले भगवान श्रीगणेश की पूजा की जाती है। इसलिए उन्हें प्रथम पूज्य भी कहा जाता है। महीने में कई व्रत-त्योहार भगवान श्रीगणेश को प्रसन्न करने के लिए किए जाते हैं। विनायकी चतुर्थी में इनमें से एक है।
उज्जैन. विनायकी चतुर्थी व्रत प्रत्येक महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को किया जाता है। इस व्रत का महत्व कई ग्रंथों में बताया गया है। इस बार 3 जून, गुरुवार को ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि है। इस दिन भी विनायकी चतुर्थी (Vinayaki Chaturthi June 2022) का व्रत किया जाएगा। इस दिन सर्वार्थसिद्धि नाम का शुभ योग होने से इस व्रत का महत्व और भी बढ़ गया है। ज्योतिषियों के अनुसार, इस दिन अगर कुछ विशेष उपाय किए जाएं तो हर परेशानी दूर हो सकती है। आगे जानिए इन उपायों के बारे में…
1. विनायकी चतुर्थी पर सुबह स्नान आदि करने के बाद भगवान श्रीगणेश की पूजा करें और इसके बाद गणेश प्रतिमा का पहले शुद्ध जल, इसके बाद पंचामृत और सबसे अंत में फिर से शुद्ध जल से अभिषेक करें। इस दौरान गणेश मंत्रों का जाप करते रहें। इससे आपकी हर इच्छा पूरी हो सकती है।
2. ज्योतिषियों के अनुसार, भगवान श्रीगणेश बुध ग्रह का प्रतिनिधित्व करते हैं, इस ग्रह का रंग हरा बताया जाता है। इसलिए भगवान श्रीगणेश को हरे रंग के वस्त्र अर्पित करें और हरी दूर्वा भी चढ़ाएं। इससे बुध ग्रह से संबंधित दोष दूर होते हैं और बुद्धि तेज होती है।
3. भगवान श्रीगणेश को शमी के पत्ते अर्पित करें। ऐसा करते समय इन मंत्रों का जाप करें- ऊँ गं गणपतेय नम:, ऊँ गणाधिपाय नमः, ऊँ उमापुत्राय नमः, ऊँ विघ्ननाशनाय नमः, ऊँ विनायकाय नमः, ऊँ ईशपुत्राय नमः, ऊँ सर्वसिद्धिप्रदाय नमः, ऊँ एकदन्ताय नमः, ऊँ इभवक्त्राय नमः, ऊँ मूषकवाहनाय नमः, ऊँ कुमारगुरवे नमः।
4. विनायकी चतुर्थी की सुबह अपने आस-पास के किसी मंदिर में जाएं और साफ-सफाई करें। सिंदूर की प्रतिमा हो तो चोला भी चढ़ाएं।
5. शाम को एकांत में बैठकर ऊं गणेशाय नम: मंत्र का 11 माला जाप करें। अंत में 11 शुद्ध घी के दीपकों से भगवान की आरती करें। इससे परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
6. विनायकी चतुर्थी पर खड़ी हल्दी (हल्दी की गांठ) की माला बनाकर भगवान श्रीगणेश को चढ़ाएं। इसे हरिद्रा कहते हैं। इससे भगवान श्रीगणेश बहुत प्रसन्न होते हैं और हर इच्छा पूरी करते हैं।
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