सार

उत्तर प्रदेश के कई जिलों में कोरोना मरीजों का सामने आना शुरू हो गया है। लिहाजा लखनऊ के स्वास्थ्य विभाग ने भी अपनी कमर कस ली है। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने हालात बिगड़ने से पहले ही अस्पतालों में कोरोना मरीजों के लिए बेड आरक्षित कर लिए गए हैं। मिली जानकारी के अनुसार लखनऊ के 34 हॉस्पिटल में कोरोना मरीजों के लिए चार हजार बेड आरक्षित हैं।

लखनऊ: कोरोना की तीसरी लहर (Third wave) और नए वेरिएंट (covid new varient) से निपटने लिए राजधानी लखनऊ के स्वास्थ्य विभाग (Lucknow health department) ने कमर कस ली है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से हालात बिगड़ने से पहले ही अस्पतालों में कोरोना मरीजों (covid patient) के लिए बेड आरक्षित कर लिए गए हैं। इतना ही नहीं, भविष्य में किसी प्रकार की समस्या न हो इसके लिए ऑक्सीजन (oxygen) से लेकर जरूरी दवाओं के इंतजाम करने के निर्देश दिए गए हैं। 

कोरोना की दूसरी लहर के दौरान स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली पर कई सवाल खड़े हुए। उस दौरान एक बड़ा  झटका खा चुका स्वास्थ्य विभाग इस दफा पूरी तरह से चौकन्ना हो गया है। विभाग कोरोना संक्रमितों की जांच से लेकर संक्रमितों की भर्ती तक की व्यवस्था को मजबूत करने में जुट गया है। सीएमओ डॉ. मनोज अग्रवाल (dr. Manoj Agrawal) ने बताया कि 34 हॉस्पिटल में चार हजार बेड आरक्षित हैं। कोरोना की दूसरी लहर में करीब आठ हजार बेड आरक्षित थे। इसमें सरकारी व प्राइवेट अस्पताल शामिल हैं। जरूरत के हिसाब से बेड की संख्या में इजाफा किया गया है।

ऑक्सीजन की पुख्ता व्यवस्था
सभी प्राइवेट व सरकारी अस्पतालों को ऑक्सीजन जनरेशन, प्लांट और सिलेंडर की पर्याप्त व्यवस्था कर ली गई है। ताकि ऑक्सीजन का संकट मरीजों को न झेलना पड़े। ऑक्सीजन सिलेंडर में लगने वाली नॉब और मास्क  समेत दूसरी जरूरी वस्तुओं की पर्याप्त व्यवस्था के निर्देश दिए गए हैं।

25 प्रयोगशाला में हो रही जांच
सीएमओ ने बताया कि केजीएमयू, लोहिया, पीजीआई और बलरामपुर अस्पताल में कोविड की सर्वाधिक जांचें हो रही हैं। इन प्रयोगशाला को पूरी क्षमता से जांच करने के लिए कहा गया है। राजधानी में करीब सरकारी व प्राइवेट क्षेत्र में 25 प्रयोगशाला में कोरोना जांच की सुविधा है। सरकारी पैथोलॉजी में मुफ्त जांच की सुविधा है। जीनोम सिक्वेसिंग की सुविधा केजीएमयू में है।

यहां हैं बेड की व्यवस्था
केजीएमयू, पीजीआई, लोहिया संस्थान, लोकबंधु, राम सागर मिश्र समेत दूसरे सरकारी अस्पतालों में कोरोना मरीजों के भर्ती की व्यवस्था की गई है। बाकी प्राइवेट अस्पताल हैं।