सार
यूपी विधान परिषद में 13 सीटों पर सभी उम्मीदवारों का निर्विरोध निर्वाचन तय हो गया है। चुनाव में भाजपा ने 9 सीटों पर और सपा ने 4 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे। सभी का निर्विरोध निर्वाचन तय हो गया है।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा परिषद की 13 सीटों पर सभी उम्मीदवारों का निर्विरोध निर्वाचन तय हो गया है। इस बार विधान परिषद के चुनाव में भाजपा ने 9 सीटों पर और सपा ने 4 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं। इसी के साथ साफ हो गया था कि इस सीट पर चुनाव नहीं होगा। आपको बता दें कि 13 सीटों पर नामांकन की प्रक्रिया 2 जून को शुरू हुई थी। इसी के साथ 9 जून को दाखिले की आखिरी तिथि तक निर्धारित सीटों के लिए 13 नामांकन ही दाखिल हुए थे। 10 जून को जब नामांकन पत्रों की जांच हुई तो सभी नामांकन वैध पाए गए। इसके बाद सोमवार को नाम वापसी की अंतिम तिथि थी। समय सीमा के बीतने के बाद नियमानुसार चुनाव की स्थिति न बनने पर सभी उम्मीदवारों को निर्विरोध निर्वाचित घोषित कर दिया गया।
कांग्रेस विहीन होगी यूपी विधान परिषद
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश विधान परिषद का गठन अंग्रेजी शासनकाल के दौरान वर्ष 1935 में गवर्नमेंट ऑफ इंडिया एक्ट के तहत किया गया था। वर्ष 1935 से लेकर 2022 तक कभी भी यूपी विधान परिषद कांग्रेस विहीन नहीं रहा। हालांकि इसके 87 साल बाद 6 जुलाई को देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश के विधान परिषद में कांग्रेस शून्य पर हो जाएगी। अभी यूपी विधान परिषद में कांग्रेस के एमएलसी दीपक सिंह हैं और उनका कार्यकाल 6 जुलाई को समाप्त हो रहा है। आपको बता दें भाजपा की ओर से डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, जेपीएस राठौड़, दानिश आज़ाद अंसारी, जसवंत सैनी, दयाशंकर मिश्र दयालु ने 9 जून को नामांकन दाखिल किया था। एक और मंत्री नरेंद्र कश्यप कोरोना संक्रमित होने के चलते खुद नामांकन के लिए नहीं पहुंच पाए थे। इसके चलते उनके प्रस्तावक ने नामांकन दाखिल किया था।
भाजपा को हो रहा है फायदा
यूपी विधान परिषद की 6 जुलाई को खाली हो रही 13 सीटों के बाद सबसे ज्यादा फायदा भाजपा को होता दिखाई पड़ रहा है। खाली हो रही 13 विधान परिषद सीटों में से भाजपा की 3 सीटे हैं। जबकि सपा के 6 एमएलसी रिटायर हो रहे हैं। इसके साथ ही बसपा के 3 और कांग्रेस की 1 सीट खाली हो रही है। लेकिन इस चुनाव का सबसे ज्यादा फायदा भाजपा को मिल रहा है। बसपा और कांग्रेस की खाली सीटों के अलावा सपा की भी खाली हो रही दो सीटें भाजपा के पाले में जा रही हैं। इससे विधान परिषद में भाजपा की स्थिति और भी मजबूत होगी।
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