सार

मुख्य सचिव के सामने करीब ढाई घंटे सीडीपी का प्रजेंटेशन एलडीए अधिकारियों के अलावा इसे तैयार करने वाली कंपनी अरिनेम की टीम ने दिया। इसमें लखनऊ के लिए वर्ष 2051 तक की जरूरत के मुताबिक विकास के प्रोजेक्टों के प्रस्ताव पर जानकारी दी गई। 

लखनऊ: राजधानी को 30 साल आगे ले जाने के लिए  सिटी डेवलपमेंट प्लान (सीडीपी) में खाका खींचा गया है। इन सब मे करीब 50 हजार करोड़ का खर्चा आएगा।  इसका प्रजेंटेशन एलडीए अधिकारियों ने मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र के सामने किया। इसके बाद उन्होंने सीडीपी में शामिल प्रोजेक्टों के दो प्रस्ताव पर तुरंत काम शुरू कराने के लिए कहा है

काम तुरंत शुरू करने के निर्देश
मुख्य सचिव के सामने करीब ढाई घंटे सीडीपी का प्रजेंटेशन एलडीए अधिकारियों के अलावा इसे तैयार करने वाली कंपनी अरिनेम की टीम ने दिया। इसमें लखनऊ के लिए वर्ष 2051 तक की जरूरत के मुताबिक विकास के प्रोजेक्टों के प्रस्ताव पर जानकारी दी गई। अधिकारियों का कहना है कि मुख्य सचिव ने सीडीपी में शामिल लघुकालिक विकास परियोजनाओं पर काम तुरंत शुरू कराने के लिए कहा है।

ग्रीन कॉरिडोर प्रोजेक्ट, जिसे सीडीपी में शामिल किया गया है, इसका काम भी तेज करने के लिए मुख्य सचिव ने कहा है। प्रोजेक्ट पर एलडीए को अभी काम शुरू कराना है। मुख्य सचिव ने कहा कि यह भी देख लिया जाए कि बजट की व्यवस्था किस तरह से इन प्रोजेक्टों के लिए होगी। प्रजेंटेशन के समय मंडलायुक्त रंजन कुमार, वीसी अक्षय त्रिपाठी, सचिव पवन गंगवार, मुख्य अभियंता इंदुशेखर सिंह, अरिनेम के निदेशक अनुपम मित्तल, शुभ्रा मित्तल मौजूद रहे।

पार्कों का होगा विकास
करीब 225 करोड़ रुपये खर्च कर 40 एकड़ में सेंट्रल हेरीटेज पार्क का विकास होगा। इसमें बेगम हजरतमहल पार्क, ग्लोब पार्क, सआदत अली खान मकबरा, भातखंडे, बटलर पार्क, सफेद बारादरी, राजा राम पाल सिंह पार्क, अमीरउद्दौला पार्क लाइब्रेरी आदि को एक दूसरे से जोड़ा जाना है। यह काम अंडरपास या फुटओवर ब्रिज बनाकर किया जाएगा। वहीं, इन पार्कों में जरूरी विकास और री-डिजाइन के काम भी कराए जाएंगे।

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