सार

यूपी में होने वाले उपचुनाव के लिए कांग्रेस ने अपने स्टार प्रचारकों की लिस्ट जारी कर दी है। इस लिस्ट में रायबरेली सदर से विधायक व बाहुबली नेता स्व. अखिलेश सिंह की बेटी अदिति सिंह का भी नाम शामिल है। गौरतलब है कि गांधी जयंती के अवसर पर दो अक्टूबर को विधानसभा के विशेष सत्र में कांग्रेस की विधायक अदिति सिंह के शामिल होने के बाद से ही कांग्रेस के भीतर उनको लेकर घमासान मचा था । दो दिन पहले ही कांग्रेस ने अदिति को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। हालांकि, अदिति ने इससे इंकार करते हुए कहा था कि उन्हें कोई नोटिस नहीं मिली है। 40 स्टार प्रचारकों की सूची में प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर, विधानमंडल दल के नेता अजय लल्लू, राज्यसभा सदस्य पीएल पुनिया भी हैं।
 

लखनऊ(UTTAR PRADESH ).  यूपी में होने वाले उपचुनाव के लिए कांग्रेस ने अपने स्टार प्रचारकों की लिस्ट जारी कर दी है। इस लिस्ट में रायबरेली सदर से विधायक व बाहुबली नेता स्व. अखिलेश सिंह की बेटी अदिति सिंह का भी नाम शामिल है। गौरतलब है कि गांधी जयंती के अवसर पर दो अक्टूबर को विधानसभा के विशेष सत्र में कांग्रेस की विधायक अदिति सिंह के शामिल होने के बाद से ही कांग्रेस के भीतर उनको लेकर घमासान मचा था । दो दिन पहले ही कांग्रेस ने अदिति को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। हालांकि, अदिति ने इससे इंकार करते हुए कहा था कि उन्हें कोई नोटिस नहीं मिली है। 40 स्टार प्रचारकों की सूची में प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर, विधानमंडल दल के नेता अजय लल्लू, राज्यसभा सदस्य पीएल पूनिया भी हैं।

अदिति ने नहीं किया व्हिप का उल्लंघन  
रायबरेली सदर से कांग्रेस विधायक अदिति सिंह के खिलाफ पार्टी द्वारा व्हिप का उल्लंघन करने की नोटिस भेजी गयी थी। लेकिन जानकारों की माने तो व्हिप सिर्फ सदन के अंदर लागू किया जाता है। सदन के बाहर से व्हिप के तहत कोई निर्देश जारी नहीं किया जाता है। ऐसे में कांग्रेस के लिए व्हिप के प्रावधानों के तहत विधायक अदिति के खिलाफ कार्रवाई करवा पाना मुश्किल होगा। पार्टी अदिति के खिलाफ अनुशासनहीनता के मामले में कार्रवाई जरूर कर सकती है।

कांग्रेस के विधानमंडल दल के नेता अजय कुमार लल्लू ने भेजा था नोटिस
कांग्रेस के विधानमंडल दल के नेता अजय कुमार लल्लू ने अदिति सिंह को विधानसभा के विशेष सत्र में शामिल होने पर कारण बताओ नोटिस दिया था । इसमें कहा गया था कि कांग्रेस पार्टी ने सदन के बहिष्कार का निर्णय लिया था कि कोई भी सदस्य सदन की कार्यवाही में हिस्सा न ले। इसके लिए व्हिप भी जारी किया गया था। नोटिस में उनके सत्र में भाग लेने को व्हिप का उल्लंघन बताया गया था ।