सार

यूपी चुनाव परिणाम बाद एडीआर रिपोर्ट के अनुसार 158 विजेता उम्मीदवारों ने अपने ऊपर गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं जो उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2017 में 402 में से 107 विधायकों ने अपने ऊपर गंभीर आपराधिक मामले घोषित किये थे। इसके साथ ही पांच विधायकों के खिलाफ हत्या के मुकदमे चल रहे हैं और 29 विधायकों पर हत्या के प्रयास का मामला दर्ज है। वहीं भाजपा से जीतने वाले एक विधायक पर दुष्कर्म का आरोप और छह विधायकों पर महिलाओं के खिलाफ हिंसा का मामला दर्ज है। 

लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के बाद राज्य में 18वीं विधानसभा में आधे से अधिक विधायक दागी हैं। इस विधानसभा में पार्टियों ने ऐसे लोगों को खुले दिल से टिकट बांटे तो ऐसे लोगों को जिताकर विधानसभा पहुंचाने में जनता ने भी संकोच नहीं किया। इन पर किसी न किसी तरह का केस दर्ज है। 366 विधायक ऐसे भी चुने गए हैं जो करोड़पति हैं। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म यूपी इलेक्शन वॉच ने रविवार को चुने गए सभी 403 विधायकों के हलफनामे का विश्लेषण कर आंकड़े जारी किए हैं।

एडीआर ने 403 विजेता उम्मीदवारों के शपथपत्रों के विश्लेषण में पाया है कि 2017 के मुकाबले 15 प्रतिशत अधिक दागी और 11 प्रतिशत अधिक करोड़पति 18वीं विधानसभा में पहुंचे हैं। प्रमुख पार्टियों की बात करें तो अधिक दागी सपा के टिकट पर चुने गए हैं तो अधिक करोड़पतियों को सदन पहुंचाने में भाजपा आगे रही।

कुल 91 प्रतिशत विधायक है करोड़पति
कुल 403 में से 366 यानी 91 प्रतिशत विधायक करोड़पति हैं। 2017 में यह आंकड़ा 80 प्रतिशत था। 2017 में यह आंकड़ा 80 प्रतिशत था। भाजपा के 255 में से 233 (91 प्रतिशत), सपा के 111 में से 100 (90 प्रतिशत), अपना दल (एस) के 12 में से नौ (75 प्रतिशत), रालोद के आठ में से सात (88 प्रतिशत), सुभासपा के छह (100 प्रतिशत), निषाद पार्टी के छह (100 प्रतिशत), जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के दो (100 प्रतिशत), कांग्रेस के दो (100 प्रतिशत) और बसपा के एक (100 प्रतिशत) विधायक करोड़पति हैं। इन सभी की घोषित संपत्ति एक करोड़ रुपये से अधिक की है। 45 प्रतिशत विधायकों की संपत्ति पांच करोड़ से अधिक 30 प्रतिशत की दो से पांच करोड़ के बीच है। 20 प्रतिशत की संपत्ति 50 लाख से दो करोड़

आरोपी और हत्या के भी है विधायक
भाजपा के 255 में से 111 विधायकों पर और सपा के 111 में से 71 पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। अपना दल एस के 12 में से 3, रालोद के 8 में से 7, सुभासपा व निषाद पार्टी के 6 में से 4-4, जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के 2 व कांग्रेस के दोनों विधायकों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। बसपा के एक मात्र विधायक पर भी केस दर्ज है। जिन पांच विधायकों पर हत्या का केस दर्ज है, उसमें सपा के गुन्नौर से विधायक राम खिलाड़ी, गोसाईंगंज से विधायक अभय सिंह और चायल से विधायक पूजा पाल, भाजपा के गोला गोकर्णनाथ से विधायक अरविंद गिरी और बालामऊ से विधायक रामपाल वर्मा शामिल हैं। भाजपा के टिकट पर सोनभद्र की दुद्धी से चुनाव जीते रामदुलार पर दुष्कर्म का मामला दर्ज है।

एडीआर के आंकड़ों के अनुसार 403 विधायकों में से 205 विधायकों ने अपने ऊपर दर्ज आपराधिक मामलों का जिक्र किया है। 2017 में हुए चुनाव में ऐसे विधायकों की संख्या 143 थी। इस बार विधानसभा में हत्या के आरोपी और हत्या के प्रयास के भी आरोपी जीते हैं। 6 विधायकों पर महिला अत्याचार और एक पर दुष्कर्म का मामला दर्ज है। 

10 में से 9 विधायक है करोड़पति
इस बार हर 10 विधायकों में से 9 करोड़पति हैं। पिछली विधानसभा में 10 में से 8 विधायक करोड़पति थे। यानी इस बार 403 में से 366 विधायक करोड़पति हैं। इनमें भाजपा के 255 में से 233, सपा के 111 में से 100 विधायक, अपना दल के 12 में से 9 और रालोद के 8 में से 7 विधायक करोड़पति हैं। बाकी दलों के सभी विधायक करोड़पति हैं।

सपा के अनिल की संपत्ति सबसे कम
समाजवादी पार्टी से चित्रकूट से जीते अनिल कुमार अनिल प्रधान की संपत्ति सबसे कम है। अनिल ने अपनी कुल संपत्ति 36496 रुपये की घोषित की है। गोरखपुर की चौरी चौरा सीट से विधायक संजय निषाद के बेटे सरवन कुमार निषाद ने अपनी कुल संपत्ति 72996 रुपये बताई है।

अमित अग्रवाल है सबसे अमीर विधायक
विजेता विधायकों में सबसे ज्यादा संपत्ति घोषित करने वाले शीर्ष तीन उम्मीदवारों में पहले स्थान पर मेरठ जनपद के भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार अमित अग्रवाल हैं जिन्होंने अपनी संपत्ति 148 करोड़ बताई है। दूसरे स्थान पर मुरादाबाद जिले के मुरादाबाद रूरल सीट से समाजवादी पार्टी के मोहम्द नासिर हैं, जिनकी संपत्ति 60 करोड़ हैं। तीसरे स्थान पर समाजवादी पार्टी के अंबेडकरनगर के जलालपुर विधानसभा सीट से राकेश पांडेय हैं, जिन्होंने अपनी संपत्ति 59 करोड़ बताई है। विजेता उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 8.06 करोड़ है, जो 2017 में 5.92 करोड़ थी।

पिछली बार की तुलना में महिला विधायकों की संख्या 7 अधिक
इस बार महिला विधायकों की संख्या पिछली बार की तुलना में 7 अधिक है। इस बार 47 महिलाएं विधायक बनी हैं। पिछली विधानसभा में 40 महिलाएं जीती थीं। नई विधानसभा में 25 से 50 वर्ष उम्र के विधायकों की संख्या 169 है। जबकि 51 से 80 वर्ष की आयु के विधायकों की संख्या 232 है। दो उम्मीदवार ऐसे भी हैं जिनकी उम्र 80 साल से अधिक है। इसके साथ ही इस बार जीते विधायकों में 305 डिग्रीधारी और तीन डिप्लोमाधारी हैं। 87 ने अपनी शैक्षिक योग्यता आठवीं से इंटर के बीच बताई है। 7 विधायकों ने खुद को केवल साक्षर घोषित किया है और एक विधायक ने अपनी शैक्षिक योग्यता बताई ही नहीं है।

टॉप फाइव करोड़पति विधायक
टॉप फाइव करोड़पति उम्मीदवारों में मेरठ कैंट से भाजपा विधायक अमित अग्रवाल की कुल संपत्ति 148 करोड़ से अधिक है। मुरादाबाद ग्रामीण सीट से सपा से जीते मो. नासिर की संपत्ति 60 करोड़ है। अंबेडकरनगर की जलालपुर विधानसभा सीट से सपा से चुने गए राकेश पांडेय की संपत्ति 59 करोड़ है। आगरा की बाह सीट से भाजपा के टिकट पर विधायक बनी रानी पक्षालिका सिंह की संपत्ति 58 करोड़ और अमेठी के तिलोई से विधायक बने भाजपा के मयंकेश्वर सिंह की संपत्ति 58 करोड़ से अधिक है।

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