सार

विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हम सुशासन को अब और भी बेहतर करने की दिशा में काम करेंगे। इसके लिए हमारी प्रतिस्पर्धा किसी और से नहीं बल्कि स्वंय से होगी। इसी के साथ उन्होंने मौजूद सभी नेताओं का आभार व्यक्त किया। 

लखनऊ: विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद योगी आदित्यनाथ ने भारतीय जनता पार्टी और सहयोगी दल की बैठक में पर्यवेक्षक के रूप में मौजूद देश के गृहमंत्री अमित शाह, सह पर्यवेक्षक के रूप में भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास, उप्र के चुनाव प्रभारी केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, उप्र संगठन के प्रभारी पूर्व केंद्रीय मंत्री राधा मोहन सिंह, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, अपना दल एस के राष्ट्रीय अध्यक्ष आशीष सिंह पटेल, निषाद पार्टी अध्यक्ष संजय निषाद, केशव प्रसाद मौर्य, डॉ दिनेश शर्मा, सुनील बंसल आदि का धन्यवाद दिया। 

उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री और पर्यवेक्षक अमित शाह और पार्टी का आभार व्यक्त किया। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पांच वर्षों तक उत्तर प्रदेश जैसे राज्य में हम सभी को सेवा का अवसर देने के बाद प्रचंड बहुमत की इस सरकार गठन के लिए मुझे(योगी आदित्यनाथ को) विधायक दल का नाम चुना गया है। इसके लिए सभी का आभार है। सुरेश खन्ना जिन्होंने यह प्रस्ताव रखा वह नौवी बार शाहजहांपुर से विधायक चुने गए हैं। सुरेश खन्ना के प्रस्ताव पर अनुमोदन के साथ ही सभी ने सर्वानुमति से इसका समर्थन दिया इसके लिए सभी का आभार है। यूपी के इतिहास में पहली बार हुआ है कोई सीएम पांच वर्ष तक काम करें और फिर वह पार्टी के द्वारा सत्ता में आ जाए। पहले आम चुनाव से अब तक यह पहली बार हुआ है। यह सिर्फ पीएम मोदी के मार्गदर्शन की वजह से संभव हुआ है। गृहमंत्री अमित शाह जब यूपी के प्रभारी थी उन्होंने संगठन की जो नींव रखी, इसी के साथ राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में उनके दौरे और केंद्र सरकार द्वारा चलाए गए कार्यक्रम यूपी की जनता को समर्पित हुए। सरकार और संगठन का बेहतर समन्वय इस दौरान देखने को मिला। प्रदेश की जनता के लिए सुरक्षा का बेहतर माहौल और सरकारी योजनाओं को जनता तक पहुंचाने का कार्य जो हुआ है उसका परिणाम जनता ने 2022 के चुनाव में दिया है। 

यूपी में दिखा बेहतर टीम वर्क 
मुझे (योगी आदित्यनाथ) पर जो पार्टी ने विश्वास 2017 में किया जब मैं विधायक भी नहीं था। मेरे पास कोई प्रशासनिक अनुभव नहीं था। शासन के किसी भी दायित्व का निर्वाहन उस दौरान मेरे द्वारा नहीं किया गया था। उस समय यूपी के लिए सुशासन एक सपना था। लेकिन उसे लागू करने में हमे सफलता हासिल हुई। यूपी जैसे राज्य में व्यापक निवेश हुए। यूपी में रिफार्म की बात हुई। उप्र जैसा घनी आबादी का राज्य मॉडल के रूप में प्रस्तुत हुआ इसके पीछे कारण था टीम वर्क का। बिना भेदभाव के शासन की योजनाओं को जनता तक पहुंचाया था। उप्र जैसे राज्य के सीएम के रूप में काम करने के बड़ी जिम्मेदारी थी। 

'यूपी में पहली बार जनता को लगा शांतिपूर्ण ढंग से हो सकता पर्व और त्यौहार'
2017 के पहले यूपी को केंद्रीय योजनाओं को लागू करने में भूमिका पीछे होती थी आज उन योजनाओं को लागू करने में यूपी अग्रणी राज्य है। आज यह योजनाएं सिर्फ आगे बढ़ रही बल्कि इनका लाभ भी जनता को मिल रहा। पहली बार जनता को लगा की यहां गरीब का घर बन सकता, पर्व औऱ त्यौहार शांतिपूर्ण ढंग से हो सकता। पहली बार जनता को फ्री में राशन मुहैया हुआ। 

जनता भले ही चुनाव से पहले प्रतिक्रिया ने व्यक्त करती हो लेकिन समय आने पर उसका जवाब जरूर देती है। जो लोग भारत की संप्रभुता में आड़े आते थे वह यूपी चुनाव में हस्तक्षेप की मुद्रा में थे। लेकिन पीएम मोदी के प्रति अटूट विश्वास ने अपना असर दिखाया। जनता ने दिखाया कि वह परिवारवाद से ऊपर उठकर वोट किया। जनता ने एक विश्वास के साथ कि मोदी है तो मुमकिन है पर भाजपा को समर्थन दिया। यही कारण है कि भाजपा सहयोगी दलों के साथ सरकार बनाने की ओर अग्रसर है। डबल इंजन की सरकार का मंत्र जनता ने खुले मन से स्वीकार किया। सीएम योगी ने कहा कि अब हमारी प्रतिस्पर्धा स्वंय से प्रारंभ होगी। सुशासन को और भी बेहतर करना हमारा लक्ष्य होगा। 

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हम वचन देते हैं कि पार्टी ने जो भी जिम्मेदारी दी है उसे पीएम मोदी के विजन के अनुरूप ईमानदारी के साथ जनता-जनार्दन के प्रति समर्पित भाव से काम करेंगे। भाजपा और सहयोगी दल इस पूरे अभियान का साक्षी बनेगा। सभी एक टीम के रूप में काम करते दिखाई देंगे तो परिणाम और भी बेहतर होंगे। 

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