सार

अफजाल अंसारी ने विधानसभा चुनावों में प्रचार को लेकर अपनी भूमिका को साफ करते हुए बताया था कि वह बीएसपी के साथ बने हुए है। उनके बड़े भाई सिबगतुल्लाह अंसारी दो बार के विधायक रहें है और अपने समर्थकों के साथ चुनाव प्रचार करने में सक्षम है।

लखनऊ: गाजीपुर के BSP सांसद अफजाल अंसारी को पेट में दर्द होने की शिकायत के बाद बीते रविवार लखनऊ के मेदांता अस्पताल में एडमिट किए गए। सांसद अंसारी को 6 दिनों तक चले इलाज के बाद शुक्रवार को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया। फिलहाल डॉक्टरों ने उन्हें अगले एक हफ़्ते तक आराम करने की सलाह दी है। अफजाल अंसारी ने यह भी कहा कि बीएसपी आला कमान का अगर निर्देश हुआ तो वह बीएसपी उमीदवारों के लिए 2022 के विधानसभा के चुनावों में प्रचार करेंगे। हालांकि मुख्तार किस दल से चुनाव लड़ेंगे इस रहस्य से अभी पर्दा उठना बाकी है।

स्वास्थ में हुआ सुधार 
रविवार को अफजाल अंसारी के पेट मे दर्द की शिकायत के बाद लखनऊ के मेदांता अस्पताल में भर्ती किया गया था। पेट मे दर्द होने पर डॉक्टरों की सलाह के बाद वह अस्पताल में भर्ती हुए थे। डॉक्टरों ने जांच के बाद अफजाल  अंसारी के पेट में इंफेक्शन डायग्नोस किया था। फिलहाल वह पहले से स्वस्थ हैं और सेहत को देखते हुए अगले एक हफ्ते तक डॉक्टरों की सलाह पर आराम करेंगे। परिजन की माने तो इस दौरान वह लखनऊ में ही बने रहेंगे।

नहीं करेंगे भाइयों का प्रचार
अफजाल अंसारी ने विधानसभा चुनावों में प्रचार को लेकर अपनी भूमिका को साफ करते हुए मीडिया को बताया था कि वह बीएसपी के साथ बने हुए है। उनके बड़े भाई सिबगतुल्लाह अंसारी दो बार के विधायक रहें है और अपने समर्थकों के साथ चुनाव प्रचार करने में सक्षम है। सांसद अफजाल अंसारी के बड़े भाई सिबगतुल्लाह अंसारी ने बीते साल के अंतिम महीनों में बीएसपी को छोड़ एसपी का दामन थाम लिया था। कयास लगाया जा रहा है कि गाजीपुर की मुहम्मदाबाद हाई प्रोफाइल सीट पर एसपी सिबगतुल्लाह अंसारी को विधानसभा चुनावों में कैंडिडेट बना सकती है। वहीं मुख्तार अंसारी के चुनाव प्रचारों के बारे में अफजाल अंसारी ने एक मीडिया इंटरव्यू में बताया कि आज तक उन्हें याद नहीं कि उन्होंने कभी मुख्तार अंसारी का प्रचार किया हो,वह आगे भी मुख्तार का प्रचार करना जरूरी नहीं समझते। अफजाल अंसारी ने यह भी कहा था कि बीएसपी आला कमान का अगर निर्देश हुआ तो वह बीएसपी उमीदवारों के लिए 2022 के विधानसभा के चुनावों में प्रचार करेंगे। हालांकि मुख्तार किस दल से चुनाव लड़ेंगे इस रहस्य से अभी पर्दा उठना बाकी है।