सार
शुक्रवार को संविधान दिवस के मौके पर लखनऊ के कांशीराम स्मृति उपवन सांस्कृतिक स्थल पर आयोजित कार्यक्रम में पहुंचे अखिलेश यादव ने बीजेपी पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि भाजपा का दरवाजा यहीं (यूपी) से खुला था, इस बार उत्तर प्रदेश की जनता ने तय किया है कि यहीं से दरवाजा बंद होगा और सत्ता से बाहर होंगे।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश(Uttar Pradesh) में 2022 के विधानसभा चुनाव(Vidhansabha Chunav 2022)नजदीक हैं। ऐसे में सभी दलों के नेताओं की ओर से एक दूसरे पर जुबानी हमलेबाजी तेज हो गयी है। शुक्रवार को संविधान दिवस (Constitution Day) के मौके पर लखनऊ के कांशीराम स्मृति उपवन सांस्कृतिक स्थल में संविधान बचाओ महाआंदोलन राष्ट्रीय मंच द्वारा आयोजित ''भारतीय संविधान दिवस समारोह व संविधान बचाओ विराट महापंचायत'' का आयोजन हुआ।।इस दौरान कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे अखिलेश यादव(Akhilesh yadav) ने बीजेपी पर जमकर निशाना साधा। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा(BJP) का दरवाजा यहीं (यूपी) से खुला था, इस बार उत्तर प्रदेश की जनता ने तय किया है कि यहीं से दरवाजा बंद होगा और सत्ता से बाहर होंगे।
यूपी से खुला था भाजपा का रास्ता, यूपी से ही होगा बंद- अखिलेश यादव
संविधान दिवस के मौके पर शुक्रवार को समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के प्रमुख और उत्तरप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा का दरवाजा यहीं (यूपी) से खुला था, इस बार उत्तर प्रदेश की जनता ने तय किया है कि यहीं से दरवाजा बंद होगा और सत्ता से बाहर होंगे। 2022 का चुनाव कोई मामूली चुनाव नहीं है। अंबेडकरवादी और समाजवादी मिलकर 2022 में भाजपा का सफाया कर देंगे।सपा प्रमुख यादव ने शुक्रवार को कांशीराम स्मृति उपवन सांस्कृतिक स्थल में संविधान बचाओ महाआंदोलन राष्ट्रीय मंच द्वारा आयोजित ''भारतीय संविधान दिवस समारोह व संविधान बचाओ विराट महापंचायत'' को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर जमकर निशाना साधा।
'अंबेडकरवादी और समाजवादी मिलकर बीजेपी को हटाएंगे'
अखिलेश ने कहा कि 'लोकतंत्र में जो जनता को दुख देता है, समय आने पर जनता उनसे हिसाब किताब करती है। इसलिए जनता ने फैसला किया है कि इस बार भाजपा का सफाया होगा। इस बार अंबेडकरवादी और समाजवादी मिलकर इन्हें हटा देंगे। उन्होंने कहा, 'यह कोई नया नहीं है, बाबा साहेब के साथ डॉ. राममनोहर लोहिया मिलकर काम करना चाहते थे। फिर से हम लोगों ने कोशिश की पर वह सपना पूरा नहीं हुआ। लेकिन हमने उम्मीद नहीं छोड़ी है और 2022 में यह सपना जरूर पूरा होगा।'