सार

नागरिकता कानून, एनआरसी और अब एनपीआर यानी नेशनल पापुलेशन रजिस्टर को लेकर अखिलेश यादव ने मोदी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, एनपीआर भी एनआरसी के जैसे है।

लखनऊ (Uttar Pradesh). नागरिकता कानून, एनआरसी और अब एनपीआर यानी नेशनल पापुलेशन रजिस्टर को लेकर अखिलेश यादव ने मोदी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, एनपीआर भी एनआरसी के जैसे है। सरकार जो काम एनआरसी से नहीं कर पाई वो अब एनपीआर से करने जा रही है। एनपीआर में कई ऐसे बिंदु लाए गए हैं, जिनके कागज मिलेंगे ही नहीं। लोग कहां से लाएंगे कागज। बीजेपी पर से लोगों का विश्वास उठ गया है। अब उनकी जाने की तैयारी है।

यूपी में हुई हिंसा में पुलिसवालों ने भी की तोड़फोड़
अखिलेश यादव ने नागरिकता संशोधन कानून को लेकर यूपी में हुई हिंसा में मारे गए लोगों के लिए सीएम  योगी आदित्यनाथ पर आरोप लगाया। सीएम योगी के ठोको बोलने का ही परिणाम है कि पुलिस ने गोली चलाई और लोगों की जान गई। ऐसे कई वीडियो आए हैं, जिसमें पुलिसवाले खुद नुकसान करते दिख रहे हैं। सरकार को इसका भी आंकलन करना चाहिए कि पुलिस ने कितनी तोड़फोड़ की। 

130 करोड़ आबादी में कितने लोग होंगे गैर नागरिक 
वहीं, कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. पीएल पूनिया ने राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर और एनआरसी को लेकर कहा, एनपीआर से एनआरसी को जोड़ना गलत है। इससे बड़ी संख्या में देश के लोग गैर-नागरिक हो सकते हैं। डिटेंशन सेंटर के नाम पर पीएम मोदी और गृह मंत्री शाह झूठ बोल रहे हैं। एनपीआर जो यूपीए सरकार लेकर आई थी, उसे वह एनआरसी से नहीं जोड़ रही थी। लेकिन मोदी सरकार इसे एनआरसी से जोड़ रही है, जो गलत है। इससे बड़ी संख्या में लोगों की नागरिकता खतरे में पड़ जाएगी। सिर्फ असम में अगर इतनी बड़ी संख्या में लोग गैर-नागरिक हो सकते हैं, तो 130 करोड़ की आबादी में यह संख्या कितनी बड़ी होगी, इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है।