सार
राज्यस्तरीय स्वास्थ्य परामर्श समिति ने ओमीक्रोन से जुड़े विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखते हुए अपनी रिपोर्ट तैयार की है। इसी रिपोर्ट को आधार बनाकर नई रणनीति तय की गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने महामारी से बचाव के लिए समिति की रिपोर्ट में शामिल बिंदुओं पर गंभीरता से काम करने के साथ ही टीकाकरण की रफ्तार बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।
लखनऊ: कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन (Omicrone) को लेकर यूपी में अलर्ट जारी है। कोरोना की तीसरी लहर (Corona Third Wave) की आशंका के चलते भी स्वास्थ्य विभाग तैयारी में जुटा है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रदेश के सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों, पीएचसी और सीएचसी में 74 हजार से अधिक बेड बढ़ाए जाने की तैयारी है।
राज्यस्तरीय स्वास्थ्य परामर्श समिति ने ओमीक्रोन से जुड़े विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखते हुए अपनी रिपोर्ट तैयार की है। इसी रिपोर्ट को आधार बनाकर नई रणनीति तय की गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने महामारी से बचाव के लिए समिति की रिपोर्ट में शामिल बिंदुओं पर गंभीरता से काम करने के साथ ही टीकाकरण की रफ्तार बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।
चार राज्यों में ओमीक्रोन की दस्तक
दुनिया के कई देशों के साथ ही ओमीक्रोन की दस्तक अब देश में हो चुकी है। कर्नाटक, गुजरात, महाराष्ट्र और दिल्ली में इसके मरीज मिलने के बाद राज्य सरकार ने सतर्कता और बढ़ा दी है। स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारी इसे लेकर जिलों के साथ नियमित समीक्षा बैठकें भी कर रहे हैं। प्रदेश सरकार ने स्वच्छता, कोविड प्रोटोकॉल, फोकस टेस्टिंग, टीकाकरण, सर्विलांस, सेनिटाइजेशन को इस चक्रव्यूह का हिस्सा बनाया है। प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेज में 100 बेड वाले पीकू-नीकू और 855 सीएचसी में 50 व 3011 पीएचसी में 10 नए बेड बढ़ाए जाने की व्यवस्था की जा रही है। सीएम ने आला अधिकारियों को ओमीक्रोन को लेकर अस्पतालों में व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के निर्देश दिए हैं। सरकार ऑक्सीजन व लैब जैसी व्यवस्थाओं पर भी पैनी नजर बनाए हुए है।
सभी जिलों को जांच की संख्या बढ़ाने के निर्देश
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य महानिदेशक डा. वेदव्रत सिंह ने बताया कि प्रदेश में करीब ढाई महीने बाद 27 कोरोना केस मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने चौकसी बढ़ा दी है। सभी जिलों को जांच की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। हर जिले में कुल होने वाली जांच में से 70 फीसदी आरटीपीसीआर करने को कहा गया है। वहीं प्रदेश की पीएचसी और सीएचसी को सभी अत्याधुनिक संसाधनों से लैस किया जा रहा है। सरकार ने प्रदेश में 73000 निगरानी समितियों को भी जिम्मेदारी सौंपी है। पहली लहर के बाद राज्य में आरटीपीसीआर जांच की सुविधाओं को बढ़ाया गया था। अब प्रदेश के अधिकांश जिलों में आरटीपीसीआर जांच की सुविधा के लिए बीएसएल-2 लैब खुल चुकी हैं। वहीं नए वेरिएंट को ध्यान में रखते हुए भविष्य में जीनोम सीक्वेंसिंग की रफ्तार को भी बढ़ाया जा रहा है। पीजीआई, केजीएमयू में जीनोम परीक्षण को तेज करने के आदेश दिए गए हैं।