सार
विधानसभा चुनाव पूरा होने के बाद राष्ट्रीय लोकदल ने यूपी में अपने सभी संगठन भंग कर दिए हैं। रालोद मुखिया चौधरी जयंत ने विधानसभा चुनाव के बाद यह निर्णय लिया है। इसकी जानकारी जयंत चौधरी ने राष्ट्रीय लोकदल के ऑफिशियल अकांउट से ट्वीट कर दी है।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव पूरा होने के बाद राष्ट्रीय लोकदल ने यूपी में अपने सभी संगठन भंग कर दिए हैं। रालोद मुखिया चौधरी जयंत ने विधानसभा चुनाव के बाद यह निर्णय लिया है। इसकी जानकारी जयंत चौधरी ने राष्ट्रीय लोकदल के ऑफिशियल अकांउट से ट्वीट कर दी है।
यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में रालोद का सपा से गठबंधन रहा। इसमें रालोद 33 सीटों पर चुनाव लड़ी और इनमें से 8 सीटों पर राष्ट्रीय लोकदल को जीत मिली। रालोद कार्यालय दिल्ली से जानकारी दी गई है कि जयंत चौधरी के निर्देश पर राष्ट्रीय लोकदल यूपी के प्रदेश, क्षेत्रीय और जिला व सभी फ्रंटल संगठन तत्काल प्रभाव से भंग किए जाते हैं। इसके साथ ही 21 मार्च को विधायकों की बैठक बुलाई है।
पार्टी के खराब प्रदर्शन की कर रहे समीक्षा
बताया जा रहा है कि जयंत चौधरी यूपी चुनाव नतीजों के बाद से ही पार्टी के खराब प्रदर्शन की समीक्षा में जुटे हैं। उन्होंने तत्काल प्रभाव से पार्टी की सभी इकाइयों और प्रकोष्ठों को भंग करते हुए बड़े फेरबदल के संकेत दिए हैं। माना जा रहा है कि वह जल्द ही नए पदाधिकारियों के नामों का ऐलान करेंगे। इसके साथ ही रालोद की तरफ से बताया गया है कि 21 मार्च को पार्टी के नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक होगी। बैठक में जयंत चौधरी मौजूद रहेंगे। यह बैठक पार्टी के लखनऊ स्थित प्रदेश कार्यालय पर बुलाई गई है।
रालोद ने 2022 विधानसभा में जीती हैं आठ सीटें
जयंत चौधरी के नेतृत्व वाली रालोद जो 2017 के चुनावों में एक सीट पर सिमट गई थी, इस बार 33 सीटों पर लड़ी और उनमें से आठ पर जीत हासिल की। इस लिहाज से देखा जाए तो रालोद की सीटों में इजाफा हुआ है लेकिन उसे जितना विश्वास था वैसी सफलता नहीं मिल सकी है। किसान आंदोलन और खासकर लखीमपुर हिंसा के बाद उपजे हालात में सपा-रालोद गठबंधन इस बार पश्चिमी उत्तर प्रदेश में प्रचंड जीत की उम्मीद लगाए बैठा था लेकिन भाजपा ने धुआंधार प्रचार अभियान, प्रदेश और केंद्र सरकार की उपलब्धियों और अपने रणनीतिक कौशल से उसकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया।
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