सार

बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी की जमानत अर्जी पर हाईकोर्ट में विधायक निधि के दुरुपयोग पर सुनवाई हुई, लेकिन अंसारी को इस बाबत राहत नहीं मिली है।

प्रयागराज : बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी विधायक निधि के दुरुपयोग केस में राहत नहीं मिली है। मुख्तार अंसारी के खिलाफ मऊ में विधायक पद पर रहते हुए विधायक निधि के दुरुपयोग का आरोप है। मुख्तार अंसारी की ओर से दाखिल जमानत अर्जी पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में लगभग डेढ़ घंटे तक बहस हुई। लेकिन मुख्तार को राहत नहीं मिली।

मुख्तार अंसारी के वकील ने क्या दी दलील
मुख्तार अंसारी के वकील उपेंद्र उपाध्याय ने दलील दी कि "मुख्तार अंसारी जेल में बंद है और विधायक निधि देने के बाद स्कूल निर्माण होने या ना होने में उनकी कोई भूमिका नहीं है। इस मामले में कहा गया कि एक जनप्रतिनिधि होने के नाते बच्चों की शिक्षा के लिए स्कूल भवन निर्माण के लिए 25 लाख की धनराशि विधायक निधि से नियम के तहत दी गई थी। वहीं राज्य सरकार की ओर से अदालत में कुछ नए तथ्य पेश करने के लिए अदालत से 2 दिन की मोहलत मांगी गई है। कोर्ट ने राज्य सरकार को मोहलत देते हुए सोमवार 16 मई को दोपहर 2:30 बजे मामले की दोबारा सुनवाई करने की बात कही है।" हालांकि, मुख्तार अंसारी के वकील की ओर से मामले में बहस पूरी हो गई है।

क्या था मामला
दरअसल, विधायक निधि दुरुपयोग के मामले में मऊ जिले के सराय लखंसी थाने में 24 अप्रैल 2021 को एक एफआईआर दर्ज कराई गई थी। मामले में मुख्तार अंसारी के साथ ही चार अन्य आरोपी बनाए गए थे। एफआईआर के तहत आरोप लगाया गया है कि मुख्तार अंसारी ने विधायक निधि से विद्यालय के निर्माण के लिए प्रबंधक बैजनाथ यादव को 25 लाख रुपये दिए थे। लेकिन विद्यालय का निर्माण नहीं कराया गया. हालांकि इस मामले में विद्यालय के प्रबंधक बैजनाथ यादव और विधायक प्रतिनिधि आनंद यादव भी आरोपी बनाए गए हैं. लेकिन कोर्ट से दोनों को ही जमानत मिल चुकी है।

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