सार
एम्बुलेंस सेवा से जुड़े लोगों ने कहा कि ऐसे दौर में भी वे लोग अपनी जान हथेली पर लेकर मरीजों को अस्पताल ले जाने और ले आने का कार्य कर रहे हैं। बावजूद इसके, उन्हें मास्क और सैनिटाइजर जैसी आवश्यक वस्तुएं भी नहीं मिल रहीं।हालांकि हड़ताल की जानकारी होने पर सरकार हरकत में आ गई है। प्रदर्शनकारियों को आश्वासन दिया कि उनके हितों का पूरा ख्याल रखा जाएगा।
लखनऊ (Uttar Pradesh) । कोरोना वायरस और लॉक डाउन के बीच एंबुलेंस चालक हड़ताल पर चले गए हैं। उनकी मांग है कि सभी एम्बुलेंस चालकों को मेडिकल टेक्निशियन मास्क, ग्लब्स और सैनिटाइजर आदि दिया जाए। हालांकि हड़ताल की जानकारी होने पर सरकार हरकत में आ गई है। प्रदर्शनकारियों को आश्वासन दिया कि उनके हितों का पूरा ख्याल रखा जाएगा। बता दें कि कोरोना वायरस यूपी में तेजी से बढ़ रहा है। रोज नये-नये मामले सामने आ रहे हैं। संदिग्ध मरीजों को एंबुलेंस से ही अस्पताल तक ले जाया जाता है।
नौकरी पक्की कराने की भी मांग
एम्बुलेंस चालकों को दुःख इस बात का है कि सरकार ने आशा कार्यकत्रियों को भी 50 लाख रुपये के बीमा के दायरे में रखा है, लेकिन उन्हें नहीं। उनकी सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं है। एम्बुलेंस चालकों ने प्रोविडेंट फंड के दायरे में लाने और नौकरी पक्की करने की मांग भी कर रहे हैं।
यहां चल रहा धरना
लखनऊ, चंदौली, बाराबंकी और लखीमपुर जिले में एम्बुलेंस एसोसिएशन के लोग धरना-प्रदर्शन करने पर उतर आए। लखनऊ में 102 और 108 एंबुलेंस चलाने वाले चालकों ने लोहिया अस्पताल के बाहर एम्बुलेंस खड़ी कर प्रदर्शन किया। एम्बुलेंस चालकों ने मास्क, सर्जिकल ग्लब्स और सैनिटाइजर जैसी मूलभूत सुविधाएं हैं। साथ ही ये इसी लॉकडाउन में सरकार से अपना हिसाब-किताब भी करना चाहते हैं।
प्रदर्शनकारियों ने कहीं ये बातें
एम्बुलेंस सेवा से जुड़े लोगों ने कहा कि ऐसे दौर में भी वे लोग अपनी जान हथेली पर लेकर मरीजों को अस्पताल ले जाने और ले आने का कार्य कर रहे हैं। बावजूद इसके, उन्हें मास्क और सैनिटाइजर जैसी आवश्यक वस्तुएं भी नहीं मिल रहीं।
(प्रतीकात्कम फोटो)