सार

राज्य में अग्निपथ योजना को लेकर हुए बवाल के बीच बसपा सुप्रीमो मायावती ने केंद्र सरकार को नसीहत दी है कि नौजवानों के भविष्य के मुद्दों पर एक बार पुनर्विचार करें। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भविष्य को अंधकार में पाकर नौजवानों का आक्रोश उबाल पर है।

लखनऊ: केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना के बाद से देश के कई राज्यों में बवाल की खबरे सामने आई। उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में जमकर पथराव और आगजनी की घटना भी सामने आई। जिसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करनी शुरू कर दी। तो वहीं दूसरी ओर अब राजनीतिक पार्टियों की एंट्री हो चुकी है। इस योजना को लेकर अलग-अलग राजनीतिक दल केंद्र सरकार को घेर रहे है। इसी कड़ी में बसपा सुप्रीमो मायावती ने मोदी सरकार को नसीहत दी। उन्होंने कहा कि सरकार को अग्निपथ मामले में केंद्र को संसद को विश्वास में भी लेना चाहिए।

अग्निपथ स्कीम से काफी निराश
बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने रविवार को सोशल मीडिया पर लगातार तीन ट्वीट कर केंद्र सरकार को घेरते हुए नसीहत दी है। उन्होंने पहले ट्वीट में कहा कि ऐसे समय में जब मुट्ठीभर लोगों को छोड़कर देश की विशाल आबादी में से खासकर युवा वर्ग गरीबी, महंगाई, बेरोजगारी, तनाव आदि के अग्निपथ पर हर दिन बिना थके-हारे जीवन संघर्ष को मजबूर हैं, उन्हें केन्द्र की अल्पावधि अग्निपथ सैन्य भर्ती स्कीम ने काफी निराश व हताश किया है। 

भविष्य को अंधकार में पाकर 
बसपा सुप्रीमो मायावती ने दूसरे ट्वीट में कहा कि केन्द्र द्वारा रेलवे, सेना व अर्द्धसैनिक बल आदि में भर्ती की संख्या व संभावना को अति-सीमित करने का ही परिणाम है कि खासकर ग्रामीण परिवेश के हिम्मतवर नौजवान काफी असहाय व ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं तथा भविष्य को अंधकार में पाकर उनका आक्रोश उबाल पर है, जिसे सही से संभालना जरूरी। 

नौजवानों से भी की अपील
मायावती ने तीसरे ट्वीट में कहा कि केन्द्र से पुनः अनुरोध है कि देश के भविष्य इन पीड़ित नौजवानों के दर्द व इनके भविष्य के मुद्दे को गंभीरता से लेकर अपने फैसले पर पुनर्विचार करे तथा देश की सुरक्षा से सम्बंधित ऐसे अहम मामलों में संसद को विश्वास में जरूर ले। नौजवानों से भी अपील है कि वे संयम जरूर बरतें।