सार
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) में इतिहास विभाग में प्रोफेसर एमिरेट्स इरफान हबीब ने फैज अहमद फैज की नज्म पर जांच की बात पर कहा, अब कविता भी नहीं लिख सकते। ऐसे तो ऋग्वेद पर भी सरकार को कमीशन बैठा जांच करानी चाहिए।
अलीगढ़ (Uttar Pradesh). अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) में इतिहास विभाग में प्रोफेसर एमिरेट्स इरफान हबीब ने फैज अहमद फैज की नज्म पर जांच की बात पर कहा, अब कविता भी नहीं लिख सकते। ऐसे तो ऋग्वेद पर भी सरकार को कमीशन बैठा जांच करानी चाहिए। ऋग्वेद में भी कहा गया है कि ईश्वर को नहीं मालूम कि ईश्वर से पहले क्या था? ऋग्वेद भी हिंदुइज्म के खिलाफ है। इस तरह की बेवकूफी का कोई इलाज नहीं है।
हिस्ट्री कांग्रेस कार्यक्रम को लेकर कही ये बात
केरल के कुन्नूर विश्वविद्यालय की घटना पर बोलते हुए इरफान हबीब ने कहा, हिस्ट्री कांग्रेस कार्यक्रम में राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान को हमने नहीं बुलाया था। कुन्नूर यूनिवर्सिटी के कुलपति ने चांसलर होने के नाते इतिहासकारों का वेलकम करने के लिए राज्यपाल को बुलाया था। हिस्ट्री कांग्रेस के आयोजक हम हैं तो कार्यक्रम भी हमारे कायदों से ही होना था। राज्यपाल को इतिहासकारों का स्वागत करना था लेकिन उन्होंने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) की चर्चा छेड़ दी। वो महात्मा गांधी, मौलाना आजाद और मुसलमानों के बारे में गलत बयानबाजी करने लगे।
वापस ले सकते हैं प्रोफेसर एमिरेट्स और पद्मभूषण अवार्ड
उन्होंने कहा, मैंने राज्यपाल को रोकने की कोशिश करते हुए कहा था कि इन मुद्दों को छोड़कर इतिहासकारों का स्वागत करें। उस दौरान पुलिसवालों ने हमें भी रोका। राज्यपाल के साथ मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने हिस्ट्री कांग्रेस के चार आयोजकों को भी हिरासत में ले लिया। मैं कह देना चाहता हूं कि अगर राज्यपाल गलत बात करेंगे तो वो जरूर रोके जाएंगे। बता दें, इस मामले के बाद से हबीब को मिले एमेरिट्स प्रोफेसर का रुतबा वापस लेने की मांग उठ रही है। अलीगढ़ में बीजेपी सांसद सतीश गौतम और हिंदूवादी संगठनों ने केंद्र सरकार को इस संबंध में पत्र लिखा है। इस पर इरफान हबीब ने कहा, मैं प्रोफेसर एमिरेट्स ही नहीं पद्मभूषण अवार्ड भी वापस कर सकता हूं। अगर मैं बहुत ही बुरा लग रहा हूं तो प्रोफेसर एमेरिट्स और पद्मभूषण वापस ले लें।