सार

विकास की बात करें तो यहां के लोग आज तक अपने क्षेत्र में विकास की आस लिए बैठे हैं. लोगों का कहना है कि अजगरा विधानसभा क्षेत्र में न तो विकास नजर आता है ना ही यहां के विधायक यहां कि जनता को यह आस जगी थी कि भाजपा से गठबंधन और मोदी लहर में यहां से उनके विधायक को जीत मिली और विकास की गंगा बहेगी।

अनुज तिवारी 
वाराणसी:
पिंडरा और शिवपुर विधानसभा (Pindara-shivpur vidhansabha) क्षेत्र से थोड़ा-थोड़ा हिस्सा लेकर बनाई गई। अजगरा विधानसभा (ajgara vidhansabha) क्षेत्र में तीन ब्लॉक हैं। वाराणसी जिले की अजगरा विधानसभा सीट चंदौली संसदीय क्षेत्र का हिस्सा है। इसमें कुल 309 बूथ थे जो अब बढ़कर 334 हो गए हैं। वाराणसी जिले का ये सुरक्षित क्षेत्र बसपा के एक मजबूत गढ़ के तौर पर रहा है। 

2012 के परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई इस विधान सभा मे दलित मतदाता बड़ी संख्या में हैं। 2012 में परिसीमन के बाद अजगरा विधानसभा सीट अस्तित्व में आई। इसे गाज़ीपुर जिले के सैदपुर, पिंडरा और शिवपुर विधानसभा से थोड़े-थोड़े हिस्से को काट कर बनाया गया है। अजगरा विधानसभा में 3 ब्लॉक हैं। इसमें शामिल हरहुआ विकास खंड के 48 गांव, चोलापुर के 87 गांव और पिंडरा विकास खंड के 17 गांव को शामिल किया गया है। यह विधान सभा चंदौली संसदीय क्षेत्र का हिस्सा है, जिसमें कुल 309 बूथ थे जो वर्तमान मे बढ़ कर 334 हो गए हैं। विधानसभा की कुल आबादी पांच लाख के करीब है।

विधानसभा का जातीय समीकरण
फिलहाल बसपा के इस गढ़ में मायावती के बड़े चेहरे त्रिभुवन राम को सुभासपा के कैलाशनाथ सोनकर ने ओमप्रकाश राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी और भाजपा गठबंधन ने 2017 के चुनावों में बाज़ी मारी थी। लेकिन बदले राजनैतिक समीकरणों में ओम प्रकाश राजभर भाजपा से अलग ताल ठोक रहे हैं । ओपी राजभर की प्रतिष्ठा इस सीट पर लगी है क्योंकि इस सीट पर राजभर बिरादरी के मतदाता बड़ी संख्या में हैं। राजभर की संख्या करीब 28 हज़ार है जो अभी तक ओपी राजभर के साथ रहे हैं। ब्राह्मण करीब 36 हज़ार यादव 35 हज़ार मुस्लिम 30 हज़ार और ठाकुर, भूमिहार, ब्राह्मण करीब 25 हज़ार हैं। कुल मतदाता 3 लाख 70 हज़ार हैं । इस सीट पर विश्वकर्मा जाति के लोग करीब 40 हज़ार हैं। 

जनता की बात
विकास की बात करें तो यहां के लोग आज तक अपने क्षेत्र में विकास की आस लिए बैठे हैं. लोगों का कहना है कि अजगरा विधानसभा क्षेत्र में न तो विकास नजर आता है ना ही यहां के विधायक यहां कि जनता को यह आस जगी थी कि भाजपा से गठबंधन और मोदी लहर में यहां से उनके विधायक को जीत मिली और विकास की गंगा बहेगी।