सार
रामदास आठवले ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी को उत्तर प्रदेश में अपना दल एस. की ही तरह उनकी पार्टी से भी गठबंधन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस बारे में भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से बातचीत की है। अगर भाजपा से आरपीआई का गठबंधन नहीं होता है तो उनकी पार्टी उत्तर प्रदेश में कुछ सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश (Uttar pradesh) में विधानसभा चुनाव (UP Vidhansabha chunav 2022) की तारीखों का बीते सप्ताह ऐलान हो चुका है, जिसके बाद से लगातार गठबंधन के साथ टिकट बंटवारे को लेकर अलग अलग दलों में उठापटक मची हुई है। इन सबके बीच रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इण्डिया के अध्यक्ष और केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास आठवले (Ramdas athavle) ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) को उत्तर प्रदेश में अपना दल एस. की ही तरह उनकी पार्टी से भी गठबंधन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस बारे में भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से बातचीत की है। अगर भाजपा से आरपीआई का गठबंधन नहीं होता है तो उनकी पार्टी उत्तर प्रदेश में कुछ सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी।
गठबंधन के बाद BJP को मिलेगा फायदा- रामदास अठावले
रामदास आठवले ने मंगलवार को पत्रकारवार्ता में कहा कि पार्टी का रजिस्ट्रेशन बचाने के लिए विधानसभा चुनाव लडऩा जरूरी है। आरपीआइ के प्रदेश में चुनाव लडऩे से भाजपा को कोई नुकसान नहीं होगा। उन्होंने कहा कि गठबंधन होने से भाजपा को ज्यादा फायदा होगा। दलित वोट गठबंधन को ही मिलेगा। इसलिए भाजपा को कम से कम छह-सात सीटें उन्हें देनी ही चाहिए। उन्होंने बताया कि आरपीआइ से चुनाव लडऩे के लिए अब तक 50 आवेदन आए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बसपा के कमजोर होने पर आरपीआइ ही विकल्प बन सकती है। आठवले ने कहा कि आरपीआइ 27 जनवरी को लखनऊ में बड़ी रैली करेगी। इसमें 50 हजार से लेकर एक लाख लोग शामिल होंगे।
एक पार्टी में नहीं टिक पाते स्वामी प्रसाद मौर्य- अठावले
मंगलवार को अचानक यूपी सरकार के मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने बीजेपी से इस्तीफा दे दिया। इस दौरान उन्होंने पार्टी के बर्ताव को लेकर कई आरोप लगाए। स्वामी प्रसाद के भाजपा छोड़ने के ताजा घटनाक्रम पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए रामदास अठावले ने कहा कि कुछ लोग भाजपा छोड़ रहे हैं मगर इससे भाजपा को कोई नुकसान होने वाला नहीं। स्वामी प्रसाद ज्यादा दिनों तक एक पार्टी में टिक कर नहीं रह पाते।