सार
बाबरी मस्जिद विध्वंस के आरोपियों के खिलाफ फिर से मुकदमा चलने को लेकर हाईकोर्ट 18 जुलाई को फैसला कर सकता है। लोअर कोर्ट के आदेश के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में हाजी महबूब ने याचिका दायर की थी।
अयोध्या: बाबरी विध्वंस मामले में बरी आरोपियों के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई है। तकरीबन छह माह पहले दायर याचिका में 18 जुलाई सोमवार को हाईकोर्ट में सुनवाई होनी है। सुनवाई होगी कि आडवाणी, जोशी और उमा भारती समेत 32 लोगों पर मुकदमा चलेगा या नहीं। 18 जुलाई की सुनवाई में हाईकोर्ट देखेगा कि यह याचिका सुनवाई योग्य है भी या नहीं।
लोअर कोर्ट से बरी हो गए थे सभी आरोपी
आपको बता दें कि बाबरी विध्वंस मामले में आरोपियों को लोअर कोर्ट से बरी कर दिया गया था। लोअर कोर्ट के इसी आदेश के खिलाफ में बाबरी मस्जिद के मुद्दई रहे हाजी महबूब ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। गौरतलब है कि बाबरी विध्वंस मामले को लेकर बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, विनय कटियार, डॉ रामविलास दास वेदांती, लल्लू सिंह, साध्वी ऋतंभरा, चंपत राय, महंत धर्मदास समेत 32 लोगों को आरोपी बनाया गया था। इस मामले में हाईकोर्ट 18 जुलाई को सुनवाई करेगा। इसको लेकर हाजी महबूब ने उम्मीद जताई है कि उनकी याचिका को कोर्ट से मंजूरी मिलेगी और दोबारा से मुकदमा शुरू हो सकेगा। फिलहाल इस मामले में कोर्ट क्या निर्णय लेता है इसका फैसला 18 जुलाई को ही होगा।
28 साल बाद आया है फैसला
ज्ञात हो कि 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या का विवादित ढांचा गिराए जाने के 28 साल बाद मामले में अहम फैसला आया। सीबीआई की अदालत से मामले में आरोपियों को बरी कर दिया गया था। सुनवाई के बाद निष्कर्ष निकला था कि विध्वंस सुनियोजित नहीं था। इसी के साथ जज ने फैसला पढ़ते हुए कहा था कि नेताओं ने भीड़ को रोकने की कोशिश भी की थी। इसके बाद ही सभी आरोपी बरी हो गए थे। इसी मामले को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी, जिस पर 18 जुलाई को सुनवाई होनी है।
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