सार
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि याचीगण प्रभावशाली व्यक्ति हैं और प्रदेश के तमाम विभागों के मंत्री रह चुके हैं। ऐसे में उनके द्वारा साक्ष्यों को प्रभावित करने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है। कोर्ट ने जमानत अर्जियों पर दोनों पक्षों की बहस पूरी होने के बाद जस्टिस सुनीत कुमार की एकलपीठ 19 नवंबर को अपना निर्णय सुरक्षित कर लिया था।
प्रयागराज (Uttar Pradesh) । रामपुर से सपा सांसद मोहम्मद आजम खान (Mohammad Azam Khan) और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम खान (Abdullah Azam Khan) की मुश्किलें कम होने का नाम ही नहीं ले रही हैं। इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) हाईकोर्ट ने फर्जी जन्म तिथि पर पासपोर्ट (Passport) और पैन कार्ड बनवाने के मामले में जमानत देने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने दोनों की ओर से दाखिल तीन जमानत अर्जियों को सुनवाई के बाद खारिज कर दिया है। ऐसे में उन्हें जेल में ही रहना होगा।
कोर्ट ने दिया ये तर्क
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि याचीगण प्रभावशाली व्यक्ति हैं और प्रदेश के तमाम विभागों के मंत्री रह चुके हैं। ऐसे में उनके द्वारा साक्ष्यों को प्रभावित करने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है। कोर्ट ने जमानत अर्जियों पर दोनों पक्षों की बहस पूरी होने के बाद जस्टिस सुनीत कुमार की एकलपीठ 19 नवंबर को अपना निर्णय सुरक्षित कर लिया था।
आजम खान ने दी थी ये दलील, सरकरा ने किया था विरोध
आजम खान की ओर से दलील दी गई थी कि उनके खिलाफ धोखाधड़ी का कोई मामला नहीं बनता है, जिस प्रकार के आरोप है वह दस्तावेजों पर आधारित हैं और जिसकी गहराई से समीक्षा किए जाने की आवश्यकता है। जबकि प्रदेश सरकार की ओर से जमानत अर्जी का विरोध किया गया था। कोर्ट ने मामले के तथ्यों और परिस्थितियों को जमानत का आधार नहीं पाते हुए अर्जी खारिज कर दी है। हालांकि हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट को मुकदमे का ट्रायल तेजी से करने का निर्देश दिया है। हाईकोर्ट ने याचीगण को छूट दी है कि वह चाहें तो गवाहों का साक्ष्य हो जाने के बाद ट्रायल कोर्ट में जमानत की अर्जी पेश कर सकते हैं।
यह है पूरा मामला
आजम खान के खिलाफ एक और अब्दुल्ला आजम के खिलाफ दो मुकदमे रामपुर के सिविल लाइंस थाने में बीजेपी नेता आकाश सक्सेना की ओर से दर्ज कराए हैं। आरोप है कि सपा सांसद आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला ने सांठगांठ करके षडयंत्र पूर्वक अब्दुल्ला आजम का नगर महापालिका से फर्जी जन्म प्रमाणपत्र बनवाया। फिर, उसके आधार पर पैन कार्ड और पासपोर्ट भी बनवाया। आजम के बेटे की एक पैन कार्ड में जन्म तिथि 1 जनवरी 1993 अंकित है. यह पैन नंबर उनके बैंक खाते से लिंक है. जबकि स्वार विधानसभा चुनाव में नामांकन के समय उन्होंने जो पैन कार्ड दाखिल किया था, उसमें जन्म तिथि 30 सितंबर 1990 दर्ज है। यह नंबर बैंक खाते से लिंक नहीं है. इसी तरह से पासपोर्ट भी गलत जन्म तिथि पर बनवाने का आरोप है।