सार

यूपी विधानसभा चुनाव प्रचार के लिए रामपुर के नौ बार विधायक रहे आजम खां ने कोर्ट का दरवाजा दुबारा खटखटाया है। इस बार उन्होंने चुनाव प्रचार में जमानत मिलनी चाहिए की मांग करी थी, लेकिन किसी कारणवश जस्टिस नागेश्वर राव के न आने पर उनकी सुनवाई टल गई है। 

लखनऊ: यूपी विधानसभा चुनाव (UP Vidhansabha Election) के लिए सभी राजनीतिक दल मैदान में पूरी ऊर्जा के साथ उतर चुके है। सभी पार्टी के नेता अपनी-अपनी पार्टी का प्रचार काफी तेजी के साथ कर रहे है। इसी क्रम में रामपुर (Rampur) के विधायक आजम खां (Azam Khan) ने कोर्ट का दरवाजा फिर से खटखटाया है। इस बार आजम ने चुनाव प्रचार के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करी थी। जिसकी सुनवाई गुरूवार के दिन होनी थी, लेकिन किसी कारणवश अध्यक्ष जस्टिस नागेश्वर राव के न आने पर उनकी सुनवाई टल गई है। 

बता दे कि आजम खां यूपी के रामपुर से नौ बार विधायक रहे और अभी भी रामपुर लोकसभा सीट से सांसद हैं। समाजवादी पार्टी ने रामपुर से उन्हें ही प्रत्याशी बनाया है। वह पिछले 23 महीने से जेल में बंद हैं। पिछले दिनों आजम खां ने नामांकन पत्र सीतापुर जेल से भरा था। नामाकंन पत्र भरने की अनुमति भी कोर्ट से मांगी थी। जिसके बाद उन्होंने चुनाव प्रचार के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। आजम खां की ओर से दाखिल याचिका में कहा गया था कि मुकदमें की कार्रवाई काफी सुस्त है। यह राजनीतिक साजिश है। विधानसभा चुनाव में प्रचार के लिए जमानत मिलनी चाहिए। समाजवादी पार्टी ने आजम के बेटे अब्दुल्ला आजम को रामपुर की स्वार टांडा सीट से सपा प्रत्याशी बनाया है।   


आपको बता दे कि यूपी चुनाव के नामांकन पत्र को दाखिल करने के लिए भी आजम खां ने कोर्ट से अनुमति मांगी थी। जिस पर एमपी-एमएलए कोर्ट ने अनुमति दे दी थी। कोर्ट ने उन्हें जेल से नामांकन दाखिल करने की अनुमति दी थी। जिसके लिए सीतापुर जेल प्रशासन को फैक्स भी किया गया था। यूपी में सात चरणों में चुनाव होना है जिसकी शुरुआत 10 फरवरी से होने जा रही है। यूपी की जनता के द्वारा चुने गए नेता का पता 10 मार्च को पता चलेगा।