सार
एक दशक से चंबल और उसके आसपास के इलाके में आतंक का पर्याय रहे कुख्यात डकैत बबुली कोल को उसी के साथी लाले कोल में गैंगवार में मार गिराया है।
चित्रकूट (उत्तर प्रदेश ). एक दशक से चंबल और उसके आसपास के इलाके में आतंक का पर्याय रहे कुख्यात डकैत बबुली कोल को उसी के साथी लाले कोल में गैंगवार में मार गिराया है। उसके साथ बबुली कोल के राइट हैंड कहे जाने वाले लवलेश कोल की भी गैंगवार में मौत हो गई है। बताया जा रहा है कि घटना को अंजाम देने के बाद डकैत लाली कोल ने खुद को पुलिस के हवाले कर दिया है। लाले की निशानदेही पर पुलिस बबुली कोल और उसके साथी लवलेश के शव को खोजने में लगी है। हांलाकि आधिकारिक रूप से इसकी पुष्टि नहीं की गई है।
सूत्रों की माने तो यूपी बॉर्डर से सटे हुए एमपी के धारकुंडी थाना क्षेत्र के जंगलों में हुई गैंगवार में छह लाख के इनामी बबुली कोल व उसके दाएं हाथ लवलेश कोल को ढेर कर दिया गया। इस घटना को इसी गैंग के साथी लाले कोल ने अंजाम दिया है।
पैसे के बंटवारे को लेकर हुआ विवाद
पुलिस सूत्रों की माने तो डकैतों पैसे के बंटवारे को लेकर बबुली कोल गैंग में आपसे में ही मुठभेड़ हुई है। मध्यप्रदेश के सतना जिले के धारकुंडी थाने के चमरी पहाड़ के जंगल के पास बबुली गैंग के डाकू पैसे के बंटवारे को लेकर आपस में भिड़ गए। बबुली गैंग के लाले कोल ने फायरिंग शुरू कर दी, गैंग के सरगना बबुली कोल को भी गोली लगी,जिससे उसकी मौत हो गई। इसके आलावा गैंग में बबुली का बेहद करीबी लवलेश भी इस फायरिंग में मारा गया।
जंगल में जारी है यूपी व एमपी पुलिस का सर्च ऑपरेशन
बबुली कोल गैंग के डाकुओं के बीच गैंगवार की जानकारी पर रविवार देर शाम रीवा आईजी चंचल शेखर, डीआईजी रीवा जोन अविनाश शर्मा, एसपी सतना रियाज इकबाल कई थानों की फोर्स लेकर जंगल पहुंच गए। पुलिस को प्रतापपुर गांव के पास जंगल में एक स्थान पर काफी खून पड़ा मिला। चित्रकूट के पुलिस अधीक्षक मनोज झा ने बताया कि चित्रकूट पुलिस व स्पेशल टीम भी जंगलों में सर्च ऑपरेशन के लिए भेजी गयी है।
कुछ दिन पूर्व ही बबुली गैंग ने किसान का किया था अपहरण
गौरतलब है कि कुछ दिन पूर्व ही डाकू बबुली कोल गैंग ने वीरपुर पंचायत के हरषेड गांव के एक किसान का अपहरण कर लिया था। छोड़ने के बदले में इस गैंग ने किसान के परिजनों से भारी-भरकम रकम फिरौती के रूप में मांगी थी। हांलाकि अपहरण के पांचवे दिन किसान अपने घर सकुशल लौट आया था। इस मामले में सूत्रों का ये कहना था कि किसान को छोड़ने के एवज में बबुली कोल ने परिजनों से 6 लाख की फिरौती वसूली थी। हांलाकि पुलिस ने किसी फिरौती रकम देने की बात से इंकार किया था।