सार
बागपत के रहने वाले एक बुजुर्ग ने राष्ट्रपति से इच्छामृत्यु के लिए गुहार लगाई है। इसको लेकर एक पत्र डीएम को सौंपा गया। बुजुर्ग पत्नी और दो बेटियों की आत्महत्या मामले में दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग कर रहा है।
बागपत: पुलिस की प्रताड़ना से तंग आकर एक बुजुर्ग ने राष्ट्रपति को पत्र लिखा है। पत्र में इच्छामृत्यु की गुहार लगाई गई है। बछोड़ गांव के रहने वाले 49 वर्षीय महक सिंह की पत्नी और दो बेटियों ने इसी साल 24 मई को पुलिस की ज्यादतियों से तंग आकर आत्महत्या कर ली थी। उसके बाद महक सिंह ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को एक ज्ञापन भेजा है। उन्होंने दावा किया है कि दोषी पुलिसकर्मियों पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इसी के साथ पुलिस द्वारा उन्हें अभी भी प्रताड़ित किया जा रहा है।
दबिश के दौरान सुसाइड के लिए किया गया प्रेरित
बागपत डीएम ऑफिस पहुंचे महक सिंह ने राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन सौंपते हुए इच्छामृत्यु की गुहार लगाई। उनका कहना है कि उनकी पत्नी और दो बेटियों ने आत्महत्या कर ली थी और उस मामले में अभी तक कोई भी कार्रवाई नहीं हुई है। इसी के चलते उन्होंने राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन डीएम को सौंपा और अपनी मांग रखी। बुजुर्ग महक सिंह की ओर से जानकारी दी गई कि पुलिस दबिश के दौरान नरेश पाल ने उनके परिजनों को सुसाइड के लिए प्रेरित किया था। जिसमें उसके खिलाफ मुकदमा भी हुआ और वह फरार चल रहा है। लेकिन इस मामले में अभी तक कोई भी गिरफ्तारी नहीं हुई। अधिकारियों के दफ्तर के चक्कर लगा-लगाकर वह थक चुके हैं लेकिन कोई भी सुनवाई नहीं हो रही। इसी बात से आहत होकर वह डीएम ऑफिस पहुंचे और राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपकर कार्रवाई की गुहार लगाई।
दारोगा पर कार्रवाई की मांग
ज्ञात हो कि छपरौली थाना क्षेत्र में महीनों पहले बछोड़ गांव में दो बेटी और एक मां ने जहर खाकर सुसाइड कर लिया था। आरोप है कि दोनों ने पुलिस की दबिश से परेशान होकर ही ये कदम उठाया था। इसका कारण था कि मृतकों का बेटा पड़ोस की युवती को लेकर फरार हो गया था। पुलिस लगातार लड़की की बरामदगी का दबाव बना रही थी और जब पुलिस दबिश देने पहुंची तो उसी समय ही दो बेटी और मां ने जहर खा लिया था और उनकी मौत हो गई थी। मामले में परिजनों के हंगामे के बाद दारोगा नरेशपाल पर आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग हुई थी। पुलिस ने मामला तो दर्ज कर लिया लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। उसी के चलते महक सिंह ने इच्छामृत्यु की मांग की।
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