सार
बांदा में बेटी से छेड़खानी का मुकदमा दर्ज न होने पर एक पिता ने फांसी लगा ली। आरोप है कि रक्षा कलावा बांधने वाले पुजारी ने उनकी बेटी से अभद्रता की थी। पीड़ित ने पुलिस से शिकायत की हालांकि कोई कार्रवाई नहीं हुई। जिससे आहत होकर आत्मग्लानी के चलते पिता ने फांसी लगा ली।
बांदा: पुलिस की लापरवाही के चलते एक परिवार के मुखिया की जान चली गई है। पीड़ित परिवार का आरोप है कि 14 अप्रैल की शाम को जनपद के प्रसिद्ध विंध्यवासिनी मंदिर थाना गिरवा में रक्षा कलावा बांधने वाले पुजारी ने उनकी बेटी के साथ अभद्रता की। इसके बाद पीड़ित परिवार ने मामले को लेकर पुलिस से शिकायत की। हालांकि पुलिस की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई। जिसके बाद पिता ने कथित रूप से आत्मग्लानी के बाद फांसी लगा ली। घटना के बाद से इलाके में हड़कंप मचा हुआ है। तमाम राजनीतिक दलों के लोग परिवार को सांत्वना देने पहुंच रहे हैं।
पुजारी पर लगा आरोप
पूरा मामला गिरवां थाने क्षेत्र के गांव से सामने आया है। यहां माता विंध्यवासिनी का प्राचीन मंदिर है। पीड़ित पक्ष का आरोप है कि उसकी 13 वर्षीय नाबालिग बेटी भाई के साथ मंदिर में दर्शन के लिए पहुंची थी। इसी बीच मंदिर में कलावा बांधने वाले पुजारी शिवम और कुबेर ने कथिततौर पर मंदिर के पीछे घसीट उसके साथ अश्लीलता और छेड़छाड़ की। इस घटना के बाद पीड़िता के पिता ने तत्काल मामले को लेकर शेरपुर चौकी को सूचना दी। पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार तो कर लिया लेकिन उसके कुछ देर बाद ही उसके छोड़ दिया। पीड़ित पक्ष का आरोप है कि आरोपियों के इस तरह से छूट जाने से बुजुर्ग पिता आहत थे। जिसके बाद उनके बुजुर्ग पिता ने मौत को गले लगा लिया।
मामले की जांच में जुटी पुलिस
बांदा अपर पुलिस अधीक्षक लक्ष्मी निवास मिश्र ने जानकारी दी कि घटना की जानकारी मिलते ही मामला दर्ज कर लिया गया है। मामले में जांच की जा रही है। इस घटना को लेकर आईपीसी की धारा 354 और 306 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
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