सार
साइबर फ्रॉड से जुड़ा हुआ एक मामला यूपी के बरेली से सामने आया। जहां एक साइबर ठग ने खुद को बरेली का जिलाधिकारी शिवाकांत द्विवेदी बताते हुए फोन पर सिटी मजिस्ट्रेट और सभी एसडीएम से ई-गिफ्ट बाउचर की मांग की। हालाकिं मामले में एसडीएम की ओर से दी गई तहरीर के बाद पुलिस टीम जांच में जुट गई है।
बरेली: उत्तर प्रदेश में सख्त कानून व्यवस्था के बड़े-बड़े दावों के बीच साइबर ठगी के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। इसी कड़ी में साइबर ठगों के लगातार शिकार बन रहे आम लोगों के बाद अब विभागीय अफसर भी ठगी के चंगुल में फसते हुए नजर आ रहे हैं। इसी से जुड़ा हुआ एक मामला यूपी के बरेली से सामने आया। जहां एक साइबर ठग ने खुद को बरेली का जिलाधिकारी शिवाकांत द्विवेदी बताते हुए फोन पर सिटी मजिस्ट्रेट और सभी एसडीएम से ई-गिफ्ट बाउचर की मांग की। हालाकिं मामले में एसडीएम की ओर से दी गई तहरीर के बाद पुलिस टीम जांच में जुट गई है।
साइबर ठग ने अफसरों से मांगे 10-10 हजार के ई-गिफ्ट बाउचर
साइबर ठग ने खुद को डीएम बरेली शिवाकांत द्विवेदी बताते हुए फोन पर सिटी मजिस्ट्रेट और सभी एसडीएम से ई-गिफ्ट बाउचर की मांग की। अफसरों को मैसेज करते हुए लिखा कि फोन न करना, मीटिंग में हूं, किसी को गिफ्ट भेजना है। इसलिए दस-दस हजार रुपये के दस ई-गिफ्ट बाउचर भेज दो। ठगी का पता चलते ही एसडीएम सदर ने कोतवाली बरेली मामला दर्ज कराया है। तहरीर मिलने के बाद पुलिस साइबर ठगों की तलाशी में जुट गई है।
DM की फोटो लगाकर अफसरों से मांगे गिफ्ट बाउचर
शनिवार दोपहर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रोहित सिंह सजवान ने बताया कि शुक्रवार सुबह से दोपहर तक सिटी मजिस्ट्रेट समेत विभिन्न प्रशासनिक अफसरों के फोन पर व्हाट्सएप कॉल आई और अमेजॉन परई-गिफ्ट बाउचर मांगे गए थे। पुलिस अधिकारी ने बताया कि मोबाइल नंबर 99579 10408 से जिलाधिकारी फोटो लगे फोन से व्यक्ति ने मैसेज कर अमेजन पर ई-गिफ्ट मांगे। अज्ञात कॉलर सिर्फ व्हाट्सएप कॉल और मैसेज ही कर रहा था, इधर से फोन किए जाने पर उसने फोन नहीं उठाया।
एसडीएम की तहरीर पर दर्ज हुआ मुकदमा
एसडीएम सदर ने संदिग्ध फोन कॉल मिलने पर उन्होंने डीएम कार्यालय संपर्क किया पता चला कि डीएम साहब वहां बैठे हुए हैं। इसके बाद प्रशासन ग्रुप में सभी अफसरों को इस नंबर से आने वाली काल से सतर्कता बरतने को कहा गया। साथ ही शुक्रवार देर शाम कोतवाली बरेली में एसडीएम द्वारा तहरीर दी गई। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने बताया कि अन्य प्रांत से आने वाली फ्रॉड कॉल को लेकर पुलिस विभाग सतर्क हो गया है। एस मामले में शनिवार को विभागीय एक्सपर्ट लगाए गए। जिससे असम या नागालैंड में बैठा फोन करने वाला पकड़ा जा सके। उन्होंने बताया कि ट्रू-कॉलर पर प्रफुल्ला गोगई नाम दिखा है। एसडीएम सदर कुमार धर्मेंद्र की तहरीर पर कोतवाली पुलिस ने मोबाइल नंबर के आधार पर आइटी एक्ट की धारा में शुक्रवार देर रात रिपोर्ट दर्ज कर शनिवार को जांच शुरू कर दी है।