सार
सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव अपनी दूसरी पत्नी साधना गुप्ता को लकी मानते थे क्योंकि उनके आने से मुलायम के जीवन में कई बड़े बदलाव हुए। उसी समय से वह उनको लकी मानने लगे। दोनों के प्यार की कहानी सालों तक लोगों से छिपी रही लेकिन पहली पत्नी की मृत्यु के बाद साधना का सार्वजनिक दर्जा मिला।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की दूसरी पत्नी साधना गुप्ता का शनिवार 9 जुलाई को निधन हो गया। काफी लंबे समय से वह बीमारी से ग्रसित थी। साधना को फेफड़ों में इंफेक्शन की शिकायत थी। तकरीबन चार दिन पहले गुरुग्राम के मेदांता में भर्ती करवाया गया था। जहां उन्होंने अपनी अंतिम सांस ली। साधना को चार दिन पहले क्रिटिकल आईसीयू-5 में भर्ती किया गया था। वह साल 2020 में कोरोना वायरस से संक्रमित हुई थी जिसके बाद से लगातार उनका इलाज चल रहा था।
साधना को इस वजह से लकी मानते थे मुलायम
सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव साधना गुप्ता को अपना लकी चार्म मानते थे क्योंकि उनके आने से मुलायम के जीवन में कई बदलाव हुए। साधना वास्तविक रूप में मुलायम की जिंदगी में 1988 में आईं और 1989 में मुलायम सीएम बन गए। इसी के बाद से ही वह साधना को लकी मानने लगे। यह सब कुछ पता तो सबको था लेकिन घर में कोई कहता कुछ नहीं था। यह सब सामने तब आया जब मुलायम ने 2007 में आय से अधिक संपत्ति मामले में सुप्रीम कोर्ट में एक शपथपत्र दिया। इसमें मुलायम ने लिखा कि, "मैं स्वीकार करता हूं कि साधना गुप्ता मेरी पत्नी और प्रतीक मेरा बेटा है।"
साल 2003 में साधना को मिला पत्नी का दर्जा
अखिलेश की बायोग्राफी बदलाव की लहर के अनुसार एक बार इलाज के दौरान एक नर्स मूर्ति देवी को गलत इंजेक्शन लगाने जा रही थी। तभी वहां पर मौजूद साधना गुप्ता ने नर्स को रोक दिया। साधना की वजह से ही मुलायम की मां की जिंदगी बच गई। इस बात का पता जब मुलायम सिंह यादव को पता चला तो वह काफी प्रभावित हुए और यही से दोनों के रिश्ते की शुरुआत हुई थी। उस दौरान अखिलेश स्कूल में स्टूडेंट थे। जब साल 2003 में अखिलेश की मां और मुलायम सिंह की पहली पत्नी मालती देवी का निधन हुआ तो सार्वजनिक तौर पर मुलायम सिंह ने साधना गुप्ता को अपनी पत्नी का दर्जा दिया। इस वजह से सपा मुखिया अखिलेश यादव अपने पिता से काफी नाराज भी हुए थे।
सालों तक मुलायम और साधना की छुपी रही लव स्टोरी
साल 1982 से लेकर 1988 तक मुलायम सिंह और साधना गुप्ता के बीच क्या चल रहा है इसके बारे में अमर सिंह इकलौते ऐसे व्यक्ति थे जो जानते थे। वह अच्छे से जानते थे कि मुलायम को प्यार हो गया है लेकिन उन्होंने किसी से कुछ भी नहीं कहा। अमर सिंह यह कहते भी तो कैसे क्योंकि मुलायम के घर पर उनकी पत्नी मालती देवी और बेटा अखिलेश भी था। लेकिन साल 1988 आया और एक साथ कई चीजें बदल गई। इस समय मुलायम मुख्यमंत्री बनने की रेस में थे और साधना भी अपने पति से अलग रहने लगी थी। उस समय उनकी गोद में एक बच्चा भी था। इतना ही नहीं इन सब के बीच मुलायम ने अखिलेश को साधना से मिलवा भी दिया था।
दायर हुए हलफनामे में खुले मुलायम के खुले कई राज
भले ही मुलायम सिंह की जिंदगी में कई सालों तक यह सब कुछ चल रहा था लेकिन इसके बारे में अभी भी ज्यादा लोगों को नहीं पता था। हालांकि इसी बीच मुलायम के खिलाफ 2 जुलाई 2005 को सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर हुआ। इसमें सवाल किया गया कि आखिर 1979 में 79 हजार रुपए की संपत्ति वाला समाजवादी करोड़ों की संपत्ति का मालिक कैसे बन गया? इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई से कहा कि मुलायम की जांच की जाए। जब 2007 तक पुराने पन्ने खंगाले गए तो सामने आया कि मुलायम की एक और बीवी है और उससे एक बच्चा भी है। यह सब 1994 से है। 1994 में ही प्रतीक गुप्ता ने स्कूल के फॉर्म में परमानेंट रेसिडेंस में मुलायम सिंह यादव का ऑफिशियल एड्रेस लिखा था। मां के नाम के जगह साधना गुप्ता और पिता के नाम के जगह एमएस यादव लिखा था। यही नहीं 23 मई 2003 को मुलायम ने साधना को अपनी पत्नी का दर्जा दे दिया था।
इस तरह से करीब आए थे साधना गुप्ता और मुलायम सिंह यादव, सालों तक लोगों से छिपा रहा था रिश्ता