सार
सरकार के आदेश के बाद सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया था कि कोरोना वायरस संक्रमण के मद्देनजर जिन कैदियों को सात साल की जेल हुई है, उन्हें पैरोल या अंतरिम जमानत पर रिहा करने पर विचार करने के लिए उच्चस्तरीय समितियों का गठन किया जाए।
लखनऊ (Uttar Pradesh) । यूपी सरकार ने लॉकडाउन में 2234 सजायाफ्ता कैदियों को तोहफा दिया है। इन कैदियों को मिली विशेष पैरोल की अवधि बढ़ाने का फैसला किया है। अब इन कैदियों के पैरोल और आठ सप्ताह के लिए बढ़ा दिए गए हैं। बता दें कि पहले उन्हें आठ सप्ताह की विशेष पैरोल दी गई थी, लेकिन अब सरकार ने कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए इनकी पैरोल अवधि बढ़ा दी है।
कैदियों को दी गई थी विशेष पैरोल
महानिदेशक (कारागार प्रशासन एवं सुधार) आनंद कुमार ने कहा है कि कोविड-19 महामारी फैलने के बाद इन कैदियों को विशेष पैरोल दी गई थी। इस साल मार्च में यूपी सरकार ने तय किया था कि कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार के बीच राज्य की 71 जेलों में बंद 11 हजार कैदियों को रिहा कर दिया जाए।
सरकार ने किया कोर्ट के आदेशों का पालन
सरकार के आदेश के बाद सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया था कि कोरोना वायरस संक्रमण के मद्देनजर जिन कैदियों को सात साल की जेल हुई है, उन्हें पैरोल या अंतरिम जमानत पर रिहा करने पर विचार करने के लिए उच्चस्तरीय समितियों का गठन किया जाए। शीर्ष अदालत ने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण के दौर में जेलों में ज्यादा भीड़ होना गंभीर चिन्ता की बात है। कोर्ट के इन्हीं आदेशों के मद्देनजर उत्तर प्रदेश सरकार ने ये फैसला किया।