सार
उत्तर प्रदेश में विधान परिषद चुनाव में कुछ दिन शेष रह गए है, लेकिन उससे पहले पार्टियां अपनी पूरी ताकत झोंक देना चाहती है। इसी वजह से भारतीय जनता पार्टी ने एमएलसी चुनाव में मंत्रियों व सांसद विधायकों को एमएलसी सीटों पर फौज उतार दी है। तो वहीं दूसरी ओर समाजवादी पार्टी ने कन्नौज इटावा पर नजर बनाए हुए है।
सुमित शर्मा
कानपुर: यूपी विधानसभा चुनाव के बाद बीजेपी एमएलसी चुनाव की तैयारियों में जुटी है। कानपुर-बुंदेलखंड चार सीटों के लिए बीजेपी ने 7 मंत्रियों, सांसदों और विधायकों की पूरी फौज उतार दी है। बीजेपी अपने प्रत्याशियों के लिए जनसमर्थन जुटाने में जुटी है। प्रदेश सरकार में मंत्री, सांसद और विधायक अलग-अलग क्षेत्रों में बैठक कर चुनावी रणनीति बनाने में जुटे हैं। एमएलसी चुनाव 2016 में एसपी ने कानपुर-बुंदेलखंड की चारों सीटों पर जीत दर्ज की थी। वहीं बीजेपी भी कानपुर-बुंदेलखंड की चारो सीट जीत कर क्लीन स्वीप की तैयारी कर रही है।
कानपुर-फतेहपुर एलएलसी सीट की जिम्मेदारी प्रदेश सरकार में मंत्री राकेश सचान, सतीश पाल और प्रतिभा शुक्ला को सौंपी गईं हैं। इसके साथ ही सांसद देवेंद्र सिंह भोले, सांसद सत्यदेव पचौरी और फतेहपुर से सांसद और केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति समेत विधायकों ने संभाली हैं। चुनावी जनसमर्थन जुटाने में जिला पंचायत अध्यक्ष की टीमें भी लगीं हैं। पार्टी के सभी जिम्मेदार नेता कानपुर देहात, कानपुर नगर और फतेहपुर जिलों में बैठकें कर वोटरों से संपर्क कर रहे हैं। बीते दिनों मंत्रियों और सांसदों ने अलग-अलग विधानसभाओं क्षेत्रों के विधायकों के साथ मिलकर बैठकें की हैं।
कानपुर-फतेहपुर एमएलसी सीट पर एसपी के दिलीप सिंह उर्फ कल्लू यादव और बीजेपी अवनीश सिंह चौहान के बीच सीधी टक्कर है। कल्लू यादव वर्तमान में एमएलसी हैं। एसपी के कल्लू यादव को घेरने के लिए प्रदेश सरकार में मंत्री राकेश सचान ने रणनीति तैयार की है। बीजेपी इस सीट कमल खिलाना चाहती है। दरअसल कल्लू यादव कानपुर देहात के रहने वाले हैं। कानपुर देहात से प्रदेश सरकार में तीन मंत्री हैं। यदि बीजेपी के हाथ यह सीट फिसलती है, एसपी को बढ़त मिल जाएगी।
इटावा-फर्रूखाबाद एमएलसी सीट पर एसपी की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। इटावा-फर्रूखाबाद सीट पर बीजेपी कमल खिलाने की तैयारी कर रही है। बीजेपी का मानना है कि यदि इस सीट पर कमल खिलाने में कामयाबी मिल गई, तो एसपी पर मनोवैज्ञानिक दबाव बनेगा। दरअसल एसपी के गढ़ इटावा, कन्नौज और फर्रूखाबाद में बीजेपी के सांसद हैं। इसके साथ ही विधानसभा चुनाव 2022 में भी कन्नौज, फर्रूखाबाद सभी विधानसभा सीटों पर कमल खिला है। वहीं इटावा के तीन में से दो सीटों पर एसपी ने कब्जा जमाया था।
एसपी इस सीट पर झोंक रही है ताकत
इटावा-फर्रूखाबाद एमएलसी सीट की कमान प्रदेश सरकार में मंत्री असीम अरूण संभाल रहे हैं। मंत्री असीम अरूण के कंधों पर बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है। इस सीट पर एसपी ने हरीश कुमार यादव को उतारा है। वहीं बीजेपी ने भाजयुमों प्रदेश अध्यक्ष प्रांशूदत्त द्धिवेदी को मैदान में उतारा है। एसपी के वरिष्ठ नेता और विधायक भी इटावा-फर्रूखाबाद सीट पर पूरी ताकत झोंक रहे हैं। एसपी नेताओं के बीच भी बैठकों का दौर जारी है।
झांसी-जालौन सीट की जिम्मेदारी स्वतंत्रदेव के कंधों पर
झांसी-जालौन सीट पर भी एसपी और बीजेपी आमने-सामने हैं। इसी सीट की जिम्मेदारी कैबिनेट मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह के कंधों पर है। झांसी-जालौन सीट पर मंत्री, सांसद, केंद्रीय मंत्री और विधायकों की फौज काम कर रही है। झांसी-जालौन सीट से बीजेपी ने रमा रंजन को मैदान में उतारा है। रमा निरंजन एसपी से एलएलसी रह चुकी हैं। विधानसभा चुनाव 2022 से पहले रमा निरंजन पति आरपी निरंजन के साथ बीजेपी में शामिल हो गईं थीं। संगठन ने रमा निरंजन पर भरोसा जताया है। वहीं एसपी ने झांसी-जालौन सीट से श्याम सुंदर को उतारा है। श्याम सुंदर दो बार एसपी की टिकट से एमएलसी रह चुके हैं।
बांदा-हमीरपुर एमएलसी सीट
बांदा हमीरपुर एमएलसी सीट से बीजेपी ने जितेंद्र सिंह सेंगर को उतारा है। जितेंद्र सिंह सेंगर महोबा जिले में बीजेपी के जिलाध्यक्ष हैं, और पेशे से अधिवक्ता भी हैं। बीजेपी प्रत्याशी जितेंद्र सिंह सेंगर की संगठन में जबर्दस्त पकड़ है। विधानसभा चुनावों में उन्होने पार्टी के लिए दिन-रात काम किया है। वहीं एसपी ने बांदा-हमीरपुर सीट से आनंद कुमार को प्रत्याशी बनाया है। आनंद कुमार रेत के बड़े कारोबारी हैं। इनका अपराधिक रेकॉड भी है, आनंद पर एससीएसटी एक्ट, अपहरण समेत कई मुकदमें दर्ज हैं।
संगठन के पदाधिकारियों ने संभाली कमान
बांदा हमीरपुर एमएलसी सीट से बीजेपी ने जितेंद्र सिंह सेंगर को उतारा है। जितेंद्र सिंह सेंगर महोबा जिले में बीजेपी के जिलाध्यक्ष हैं, और पेशे से अधिवक्ता भी हैं। वहीं एसपी ने बांदा-हमीरपुर सीट से आनंद कुमार को प्रत्याशी बनाया है। आनंद कुमार रेत के बड़े कारोबारी हैं। इनका अपराधिक रिकॉर्ड भी है, आनंद पर एससीएसटी एक्ट, अपहरण समेत कई मुकदमें दर्ज हैं। बीजेपी ने बांदा-हमीरपुर सीट के लिए विधायकों और सांसदों की फौज उतारी है। इसके साथ ही संगठन के पदाधिकारी भी जुटे हुए हैं।
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