सार

BSP की मुखिया मायावती ने गाजियाबाद में रैली को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और भाजपा पर निशाना साधा। मायावती ने कहा कि ये तीनों पार्टियां रोजगार देने में फेल रहीं हैं। इसके चलते प्रदेश से पलायन बढ़ा है। लोग दूसरे राज्यों में जाकर रोजगार ढूंढ रहे हैं। मेरी सरकार के दौरान न केवल पलायन रूका था, बल्कि बाहर रह रहे लोग वापस अपने घर आने लगे थे। 

लखनऊ: यूपी विधानसभा चुनाव (UP Vidhansabha Election) के लिए सभी राजनीतिक दलों ने अपनी कमर कस ली हैं। चुनाव प्रचार के लिए पार्टी के सभी लोग अलग-अलग जगह में जाकर जनसभा को संबोधित कर रहे हैं। इसी कड़ी में बीएसपी (BSP) सुप्रिमो मायावती (Mayawati) आज गाजियाबाद (Ghaziabad) पहुंची। गाजियाबाद के कविनगर में मायावती ने एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस (Congress), समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) और भाजपा (BJP) पर निशाना साधा। मायावती ने कहा ये तीनों पार्टियां रोजगार देने में फेल रहीं हैं। इसके चलते प्रदेश से पलायन बढ़ा है। लोग दूसरे राज्यों में जाकर रोजगार ढूंढ रहे हैं। मेरी सरकार के दौरान न केवल पलायन रूका था, बल्कि बाहर रह रहे लोग वापस अपने घर आने लगे थे। इस दौरान उन्होंने 'भाजपा सरकार की नीतियां और कार्यशैली अधिकांश जातिवादी, पूंजीवादी और आरएसएस के संकीर्ण नजरिए को लागू करने पर टिकी रही हैं... धर्म के नाम पर यहां तनाव व नफरत आदि का वातावरण ही बनाया जा रहा है।'

मायावती ने कहा कि बसपा सभी 403 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ रही है। वो आगे कहती है कि बसपा को वोट देना क्यों ज़रूरी है आपको ये समझना होगा। कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए बसपा चीफ ने कहा- कांग्रेस जातिवादी होने के कारण दलित विरोधी रही है और बाबा साहब को भी भारत रत्न नहीं दिया था। सपा पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि सपा सरकार सर्व समाज की पार्टी नहीं है। सपा की सरकार में कमजोर तबकों की उपेक्षा हुई। साथ ही उन्होंने दावा किया कि सपा सरकार सरकारी ठेकों में आरक्षण बंद कर दिया। उन्होंने सपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि SC ST के लिए पदोन्नति का बिल जब संसद में आया तो सपा सांसदों ने उसे फाड़ दिया। इन तबकों के बच्चों के विदेश जा कर पढ़ने का प्रावधान भी सपा ने खत्म कर दिया। 

उन्होंने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जाट किसानों के लिए कहा कि जाट भाई जानते हैं कि हमारी सरकार में बिना रिश्वत दिए उनके काम होते हैं। हमारी सरकार में गन्ने का दाम से लेकर उनकी सभी समस्याओं को दूर किया जाएगा। साथ ही जब बीएसपी सरकार आएगी तब केंद्र के विवादित कानूनों को लागू नहीं किया जाएगा। आपको बता दे कि राज्य में सात चरणों में चुनाव होना है। जिसकी शुरूआत 10 फरवरी से होगी। चुनावों का परिणाम जनता के समक्ष 10 मार्च को आएगा। 2022 का चुनाव दिलचस्प इस वजह से भी हो गया क्योंकि पूर्व और वर्तमान मुख्यमंत्री का आमना-सामना होगा। जनता को बेसब्री से 10 मार्च का इंतजार है कि इस बार यूपी के सत्ता में कौन सी पार्टी ने लोगों के दिलों में जगह बनाई है।