सार

ताज नगरी आगरा में 34 सवारियों से भरी बस के हाईजैक की सूचना पर हड़कंप मच गया। बस के ड्राइवर और कन्डक्टर ने पुलिस को सूचना दी की बस का खुद को फाइनेंस कम्पनी का कर्मचारी बताकर चार लोगों ने बस रुकवाया और बस की किश्तें न जमा होने की बात कही

आगरा(Uttar Pradesh). ताज नगरी आगरा में 34 सवारियों से भरी बस के हाईजैक की सूचना पर हड़कंप मच गया। बस के ड्राइवर और कन्डक्टर ने पुलिस को सूचना दी की बस का खुद को फाइनेंस कम्पनी का कर्मचारी बताकर चार लोगों ने बस रुकवाया और बस की किश्तें न जमा होने की बात कही। उसके बाद उन्होंने ड्राइवर और कंडक्टर को छोड़ दिया और सवारियों से भरी बस लेकर चले गए। सूचना मिलते ही पुलिस महकमे में खलबली मच गई। आनन-फानन में टीमें बनाकर बस का पता लगाने के लिए भेजा गया। हांलाकि तकरीबन 3 घंटे की अफरातफरी के बाद बस झांसी में मिल गई है। 

घटना बुधवार तड़के की है। थाना मलपुरा इलाके में प्राइवेट बस को हाईजैक कर लिया। बताया जा रहा है कि बस में 34 यात्री सवार हैं। ड्राइवर और कंडक्टर की सूचना के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मचा हुआ है। मौके पर तमाम आला अधिकारी मौजूद हैं। हालांकि बस की कोई सूचना नहीं मिल पाई है। मिल रही जानकारी के मुताबिक बस गुरुग्राम से मध्य प्रदेश जा रही थी। बस में कुल 34 यात्री सवार हैं।

पुलिस और ड्राइवर ले रहे श्रीराम फाइनेंस का नाम
यात्रियों से भरी बस को अगवा करने के मामले में प्राइवेट बस के ड्राइवर और पुलिस श्रीराम फाइनेंस का नाम ले रहे हैं। इन दोनों का कहना है कि इसी फाइनेंस कंपनी के लोग जायलो एसयूवी से आए और बस ले गए। जानकारी के मुताबिक, बस को हाईजैक करने वालों ने ड्राइवर और कंडक्‍टर को ढाबे पर खान खिलाया और 300 रुपये भी दिए। हालांकि, बस के लोकेशन के बारे में किसी को जानकारी नहीं है।

खुद को बताया फाइनेंस कंपनी का कर्मचारी
खबर सामने आने के बाद चौकस हुई पुलिस का बयान सामने आया कि बस मालिक ने किश्त नहीं चुकाया था, जिसके कारण फाइनेंस कंपनी के कर्मचारी ड्राइवर और कंडक्टर को उतारकर सवारियों से भरी बस को लेकर चले गए। पुलिस के मुताबिक ड्राइवर और कंडक्टर ने बताया है कि चार लोग थे जो खुद को फाइनेंस कंपनी का कर्मचारी बता रहे थे। हालांकि, पुलिस पुख्ता तौर पर ये नहीं बता पाई है कि जो लोग बस को ले गए वे बदमाश हैं या फिर फाइनेंस कंपनी के कर्मचारी। हालांकि, इस सबके बीच सबसे बड़ा सवाल यह है कि अगर हाईजैक करने वाले फाइनेंस कंपनी के कर्मचारी ही हैं तो यह अधिकार उन्हें किसने दिया कि यात्रियों से भरी बस को इस तरह से अपने साथ लेकर जाया जाए। अभी तक मामले में बस मालिक से भी बातचीत नहीं हो पाई है।

झांसी में मिली बस 
तकरीबन 3 घंटे की अफरातफरी के बाद बस झांसी में मिल गई। बस में सवार सभी यात्रियों को एक ढाबे पर उतारकर फाइनेंस कम्पनी के कर्मचारी बस लेकर चले गए थे। अब पुलिस के सहयोग से यात्रियों को उनके घर भेजा जा रहा है। मामले में अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने भी ट्वीट कर जानकारी दी है।